कोरोना वायरस / CM केजरीवाल की दो टूक- सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना हुई तो उस क्षेत्र को सील कर देंगे

देश के कई हिस्सों में मौजूदा हालात को देखते हुए लॉकडाउन में कुछ रियायतें दी गई हैं। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि आज दिल्ली में कुछ दुकानों पर अव्यवस्था देखी गई। मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज मुझे थोड़ा दुःख हुआ कि कुछ दुकानों पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा। इससे वो अपने और अपने परिवार का नुकसान कर रहे हैं। अगर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा गया तो दुकानों को बंद करने से पीछे भी नहीं हटेंगे।'

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर हमें किसी क्षेत्र से सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना और दूसरे मानदंडों के उल्लंघन के बारे में पता चलता है, तो हमें उस क्षेत्र को सील करना होगा और वहां दी गई रियायतों को वापस लेना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा, 'मास्क पहने बिना घर से बाहर न निकलें। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। अपने हाथों को लगातार साफ करते रहें।'

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश को तीन जोन में बांटा गया है। ग्रीन जोन में सबसे ज्यादा रियायतें और रेड जोन में सबसे कम रियायत है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स को देखते हुए हमने भी रियायतें दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने डेंगू को हराया है। पांच साल पहले 16000 केस थे और 60 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। बीते साल 1500 केस थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। अगर हमने जरूरी सावधानी बरती और गाइडलाइन को फॉलो किया तो हम कोरोना वायरस को भी हरा देंगे। बता दें कि दिल्ली में अभी तक कोरोना वायरस के कुल 4549 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं।

दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि लोग लॉकडाउन का ठीक तरीके से पालन नहीं करते हैं। उनके मुताबिक यहीं वजह है कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत के ग्रामीण इलाकों के लोग लॉकडाउन का अच्छे से पालन कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीण इलाकों की तारीफ करते हुए कहा कि यहां लॉकडाउन का अच्छे पालन हो रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रवासी मजदूरों से ज्यादा खतरा नहीं है क्योंकि ये विदेश से वापस आये लोगों के संपर्क में ज्यादा नहीं आए। उन्होंने ये भी कहा कि भारत में अब तक 10 लाख से ज्यादा लोगों का टेस्ट हो चुका है। अच्छी बात ये है कि दूसरे देशों के मुकाबले यहां ज्यादा मरीज नहीं मिल रहे हैं।