कोरोना संकट / ट्रंप का बड़ा फैसला- अमेरिका में बाहरी लोगों के बसने पर अब रोक

कोरोना वायरस महामारी की सबसे ज्यादा मार झेल रहा अमेरिका ने इमिग्रेशन को रोकने का फैसला लिया है। इसका ऐलान आज सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर ऐलान किया, ‘अदृश्य दुश्मन के हमले की वजह से जो स्थिति पैदा हुई है, उसमें हमें हमारे महान अमेरिकी नागरिकों की नौकरी को बचाकर रखना है। इसी को देखते हुए मैं एक ऑर्डर पर साइन कर रहा हूं, जो अमेरिका में बाहरी लोगों के बसने पर रोक लगा देगा’। अमेरिका में अब अगले आदेश तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को बसने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोरोना वायरस की वजह से खड़े हुए अर्थव्यवस्था पर संकट को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने ये फैसला लिया है।

इस फैसले के बाद साफ है कि अब अगले आदेश तक कोई भी विदेशी नागरिक अमेरिका का नागरिक नहीं बन पाएगा और ना ही इसके लिए अप्लाई कर पाएगा। दुनियाभर से लोग अमेरिका में नौकरी और बिजनेस के लिए जाते हैं, जो कि कुछ वक्त के बाद वहां पर ही सिटीजनशिप के लिए अप्लाई करते हैं। लैटिन अमेरिका, यूरोप से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका जाते हैं। इसके अलावा भारत समेत अन्य एशियाई देशों से भी इनकी संख्या में बढ़ोतरी आई है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने अब किसी भी तरह के इमिग्रेशन पर रोक लगा दी है, हालांकि ये रोक अभी अस्थाई रूप से लगाई गई है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी का बड़ा असर दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर पड़ा है। रोजाना यहां हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं और काफी लोग मर रहे हैं। अमरिका में 24 घंटे में 1,939 लोगों की जान गई है और 28 हजार 123 मरीज मिले हैं। यहां अब तक 42 हजार 514 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस महामारी ने हमें सिखाया है कि देश में अपनी एक सप्लाई चेन बनानी होगी। गौरतलब है कि इस महामारी के दौरान काफी सहायता के लिए अमेरिका को दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ा।

पिछले करीब दो महीने में अमेरिका में 1 करोड़ से अधिक लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और बेरोजगार को मिलने वाली की सुविधाओं के लिए अप्लाई कर चुके हैं। इसके अलावा अमेरिकी बिजनेस पर भी बड़ा संकट आया है, यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप ये फैसला लेने पर मजबूर हुए।

अमेरिका / न्यूयॉर्क में करीब 19000 मौतें

अमेरिका में सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित जो राज्य रहा वह न्यूयॉर्क है, जहां अब तक 18 हजार 929 लोगों की जा जा चुकी है। न्यूयॉर्क स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बताया कि न्यूयॉर्क स्टेट में अभी तक दो लाख 47 हजार 512 संक्रमित हैं जबकि न्यूयॉर्क शहर में यह आंकड़ा एक लाख 36 हजार 806 है। इससे पहले न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने बताया कि रविवार को न्यूयॉर्क में 478 संक्रमितों की मौत हुई है जबकि शनिवार को 507 लोगों ने जान गंवाई थी।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसपर चिंता जताते हुए कहा है कि हमें अपनी खुद की सप्लाई चेन बनानी होगी जो पूरे देश में एक्टिव रह पाए। दरअसल, अमेरिका मेडिकल से जुड़ा सामान काफी कम मात्रा में बनाता है, ऐसे में उसे इसके लिए चीन, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों की मदद लेनी पड़ी। तो वहीं हाइड्रॉक्सीक्लोक्वीन के लिए भारत के सामने मदद की गुहार लगानी पड़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में कहा कि हम दूसरे देशों पर निर्भर नहीं हो सकते हैं, हमें जो करना होगा अपने देश में करना होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दूसरे देशों पर निर्भरता को घटाना जरूरी हो गया है। टेस्टिंग कीट को लेकर ट्रम्प ने राज्यों के गवर्नरों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन लोगों को पता ही नहीं है कि टेस्ट करने की सही प्रक्रिया क्या है। राज्यों के पास पर्याप्त टेस्टिंग की क्षमता है।

अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट

अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को ऐतिहासिक 105% की गिरावट दर्ज की गई। पहली बार तेल की कीमतें माइनस 2 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के मई वितरण में 300% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। कोरोना संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही हैं। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत इतनी नीचे पहुंची है।

डोनाल्ड ट्रंप ने कच्चे तेल को लेकर भी बयान दिया और कहा कि अब अमेरिका अपने स्टॉक को पूरा करेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि अगले कुछ दिनों में अमेरिका 75 मिलियन बैरल कच्चे तेल को रिजर्व करेगा, जो कि उसके खुद के इस्तेमाल के लिए होगा।