लेटर वार / प्रियंका गांधी ने फिर लिखी चिट्ठी, बसों को आगरा में एंट्री नहीं दी तो नोएडा कैसे लाएंगे!

लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने को लेकर अब सियासत गरमाती जा रही हैं। पिछले चार दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बीच लेटर वार चल रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को अब एक बार फिर पत्र लिखा है। गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आगरा प्रशासन तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए।

इधर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमका रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के आरटीओ हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमकी दे रहे हैं, जिन्होंने बसें उपलब्ध कराई हैं।

इससे पहले प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा था कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने दावा किया था कि कांग्रेस ने राज्य सरकार को जो बसों की लिस्ट दी है, उसमें कई नंबर तिपहिया वाहन, मोटरसाइकिल और कार के हैं। सीएम के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इसकी लिस्ट भी जारी की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार का कहना है कि इस लिस्ट में घालमेल है। कांग्रेस द्वारा सौंपी गई लिस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने एक वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर का जिक्र किया है। 10 नंवबर 2016 को रजिस्टर हुई वाहन संख्या UP83T1006 की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि ये बस नहीं बल्कि एक थ्री व्हीलर है। इसी तरह मृत्युंजय कुमार ने कहा है कि RJ14TD1446 एक बस न होकर कार है। दो तीन और वाहनों के साथ भी ऐसा ही मामला है। फिर यूपी सरकार के गृह विभाग ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को लिखे खत में कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के साहिबाबाद में और 500 बसें नोएडा में उपलब्ध करा दीजिए। सभी बसों को दोनों जिलों के जिलाधिकारी रिसीव करेंगे।

बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। पहले योगी सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया था, लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन ने प्रियंका के कार्यालय से 1000 बसों और चालकों के विवरण की मांग की थी।