अब तक 1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, लगभग 18.5 लाख प्रवासी पहुंचे अपने घर

भारतीय रेलवे ने लोगों को उनकी जगह पर पहुंचाने की प्रक्रिया में अब तेजी ला रही है। रेलवे ने कहा कि लगभग 116 ट्रेनें और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक 496 ट्रेनें गुजरात से चलाई गईं तथा 17 और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं।

आपको बता दे, रेलवे के मुताबिक 1 मई से लेकर अब तक 1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इससे लगभग 18.5 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है। इनमें से अधिकतर ट्रेनें गुजरात और महाराष्ट्र से चली हैं।

महाराष्ट्र से 266 ट्रेन चलाई गईं तथा 37 और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं। पंजाब से 188, कर्नाटक से 89, तमिलनाडु से 61, तेलंगाना से 58, राजस्थान से 54, हरियाणा से 41 और उत्तर प्रदेश से 38 ट्रेन चलाई गईं।

उत्तर प्रदेश में अधिकतम 641 ट्रेन अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच चुकी हैं और 73 ट्रेन रास्ते में हैं। बिहार में 310 ट्रेन गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं और 53 अभी रास्ते में हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 800 और श्रमिक विशेष ट्रेनों को अपने राज्यों में आने आने की अनुमति दे दी है। इसके लिए रेलवे ने भी अप्रुवल दे दिया है।

पश्चिम बंगाल ने दी सिर्फ 19 ट्रेनों को मंजूरी

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी तक सिर्फ 19 ट्रेनों को मंजूरी दी है। ममता ने कहा, 'हम कुछ दिनों में 115 और ट्रेनों की व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार ट्रेन का किराया देगी।' बनर्जी ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त करने के लिए कहा, 'लगभग 2।5 से 3 लाख प्रवासी पहले ही बंगाल लौट चुके हैं। थोड़ा धैर्य रखें। इस समस्या का राजनीतिकरण न करें। मैं सभी राज्यों से अनुरोध करती हूं कि वे हमारे लोगों की देखभाल करें। हम सभी को वापस लाना चाहते हैं लेकिन 1 दिन में सभी को वापस नहीं ला सकते। हमारे पास एक योजना है, हम इसे निष्पादित करेंगे। अगले 2-3 दिनों के भीतर हम 115 और ट्रेनों की मांग करेंगे।' उन्होंने बताया कि बंगाल सरकार ने केंद्र से कुल 235 ट्रेनों की मांग की है। ममता ने बताया, '16 ट्रेनें बंगाल पहुंच चुकी हैं।'

शिवराज का ममता को पत्र

आपको बता दे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। ममता बनर्जी को पत्र लिखकर शिवराज सिंह चौहान ने अनुरोध किया है कि इंदौर में पश्चिम बंगाल के श्रमिक लॉकडाउन के चलते फंसे वे श्रमिक अपने गृह स्थान वापस जाना चाहते है और ऐसे में अपने राज्य की ओर रेल मंत्रालय से बातचीत कर विशेष इंदौर-कोलकाता ट्रेन की मांग करें। ताकि जो प्रवासी कामगार पश्चिम बंगाल में अपने मूल स्थान पर लौटना चाहते हैं लौट सकें। ये पत्र रविवार 17 मई को लिखा गया है।

'अम्फान' चक्रवात ने बढ़ाई चिंता

इधर, बंगाल की खाड़ी से उठने वाले 'अम्फान' चक्रवात ने चिंता बढ़ा दी है। करीब 8 राज्यों में अलर्ट है। खतरे को देखते हुए एसी स्पेशल ट्रेन कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है। वहीं काफी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। रेल मंत्रि पीयूष गोयल ने कहा कि ओडिशा में अम्फान चक्रवात के चलते ट्रेनों के परिचालन को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा ने चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों की ट्रेनों को निलंबित कर दिया है और कोई भी ट्रेन गंजम जिले में नहीं जा रही है।

एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक रेलवे ने कहा कि बिहार प्रति दिन 50 से अधिक ट्रेनों की अनुमति नहीं दे रहा, जबकि आवश्यकता प्रति दिन 200 ट्रेनों की है। अन्य राज्यों ने बहुत कम ट्रेनों को मंजूरी दी है, जैसे छत्तीसगढ़ केवल 19 ट्रेनें, राजस्थान केवल 33 ट्रेनें और झारखंड से केवल 72 ट्रेनों को मंजूरी मिली है।

बता दें कि श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की प्रक्रिया में मूल (जहां से चलना है) और गंतव्य (जहां पहुंचना है) राज्यों की स्वीकृति शामिल होती है। अगर किसी ट्रेन को गुजरात से पश्चिम बंगाल जाना है, तो दोनों राज्यों को अपनी स्वीकृति देनी होगी। दोनों राज्यों से स्वीकृति मिलने के बाद ही रेलवे दोनों राज्यों के बीच विशेष ट्रेन चलाती हैं।

आपको बता दे, देश में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो अब तक एक लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके है वहीं, तीन हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।