अपने गांव पहुंचने के लिए तय किया 1400 KM का सफर, मां ने क्वारंटाइन सेंटर में रहने को कहा तो लगा ली फांसी

कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा पूरे देश में बना हुआ है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 71 हजार 474 हो गई है। इनमें से दिल्ली में 406, बिहार में 81, राजस्थान में 68, कर्नाटक में 63, आंध्रप्रदेश में 33, ओडिशा में 22, चंडीगढ़ में 6 और झारखंड में 2 मरीज मिले। कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन में लोग देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। ऐसे में झारखंड के गढ़वा जिले के रांका से चौंकाने वाला केस सामने आया है। जहां एक मां ने लॉकडाउन में फंसे अपने बेटे के लौटने के बाद उसे क्वारंटाइन सेंटर में रहने को कहा तो उसने फांसी लगा ली।

महाराष्ट्र (Maharashtra) में काम कर रहे 19 साल के इस शख्स को उसकी मां ने कोरोना वायरस का खतरा सुनकर घर वापस बुला लिया। मां के कहने पर बेटे ने मां के पास पहुँचने का फैसला ले लिया। मुकेश कुमार नाम का ये शख्स सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब महाराष्ट्र के शोलापुर से करीब 1400 KM का सफर तय करके रांका में अपने गांव हाटदोहर अपने मां के बाद पहुंच गया। घर पहुंचने के बाद उसके माता-पिता ने उससे क्वारंटाइन सेंटर में रहने के लिए कहा। उन्होंने ये भी कहा कि आस-पास के लोग भी यही कह रहे हैं कि उसे क्वारंटाइन सेंटर में रहना चाहिए लेकिन फिर भी वह नहीं माना। उसने अपने माता-पिता की बात का कोई जवाब नहीं दिया।

पेड़ पर लगाई फांसी

थोड़ी देर में मुकेश ने अपनी मां से पूछा कि आज खाना क्या बना है। इस पर मां ने बताया कि आलू की सब्जी और भात बना है। इसके बाद मुकेश ने अपने बैग में रखे एक बिस्किट के पैकेट से बिस्किट खाकर पानी पिया और अपना बैग लेकर घर से निकल गया। इसके बाद घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ पर अपने गमछे से मुकेश ने फांसी लगा ली। बेटे के काफी देर तक नहीं लौटने पर उसकी मां उसे ढूंढने के लिए निकली। घर से कुछ ही दूरी पर एक पेड़ पर अपने बेटे का शव लटका देख वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। महिला की आवाज़ सुनकर गांव वाले वहां पहुंचे और पुलिस को इस बात के बारे में सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से उतारकर पोर्टमार्टम के लिए भेज दिया हैं।