लॉकडाउन : शराब न मिलने पर सुसाइड कर रहे लोग, केरल के मुख्यमंत्री ने अब निकाला ये रास्ता

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कदमों को रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलने वाला है। ऐसे में लोगों काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन केरल में लॉकडाउन का लोगों पर गलत असर पड़ रहा है। यहां शराब न मिलने की वजह से लोग सुसाइड कर रहे है। रविवार को PTI की खबर के अनुसार, लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने से परेशान होकर केरल में दो लोगों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के सुनीश (32) ने कथित तौर पर नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। शराब नहीं मिलने से परेशान होकर नोफल (34) ने आफ्टर शेव लोशन पी लिया। इससे पहले 38 साल के दिहाड़ी मजदूर सनोज ने शराब नहीं मिलने से परेशान होकर शुक्रवार को अपने घर के पास पेड़ से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। अब केरल सरकार ने इसका समाधान निकाला है। सरकार ने डॉक्टरों के पर्चे पर शराब की आपूर्ति की अनुमति दी है। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने आबकारी विभाग को डॉक्टर का पर्चा होने पर शराब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कई लोगों ने शराब न मिलने पर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद ये फैसला किया गया। सीएम ने कहा कि सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री के विकल्प पर भी विचार कर रही है क्योंकि शराब की अचानक अनुपलब्धता सामाजिक समस्याओं का कारण बन सकती है।

इसके अलावा केरल सरकार ने आबकारी विभाग से ये भी कहा है कि वह नशामुक्ति केंद्रों में नशे के आदी लोगों का नि: शुल्क उपचार करें। हालांकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने विजयन के फैसले पर सवाल उठाए हैं। IMA ने कहा है कि शराब के लिए लिखने से इलाज का अधिकार रद्द हो सकता है। हम इसे केरल के मुख्यमंत्री के ध्यान में लाए हैं। उन लोगों को वैज्ञानिक उपचार दिया जाना चाहिए जो कि शराब के आदी हैं। इसका उपचार घर पर या अस्पतालों में दवाओं के साथ किया जा सकता है। उन्हें शराब की पेशकश करना वैज्ञानिक रूप से स्वीकार्य नहीं है।

बता दे, भारत में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और केरल से सामने आ रहे है। केरल में 194 लोग इस वायरस से संक्रमित है वहीं 1 की जान इस वायरस की वजह से चली गई है। इसके साथ ही 20 लोग इस वायरस से निजात पा चुके है।