बिहार : पटना में बच्‍चों को अपना शिकार बना रहा कोरोना, पिछले 11 दिनों में 12 बच्चे हुए संक्रमित

कोरोना के डेल्टा वायरस से तीन गुना अधिक संक्रामक माने जा रहे ओमिक्रोन वैरियंट का अब तक बिहार में एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही हैं। इस बार कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा से वंचित 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। पटना में संक्रमण का इलाज करा रहे 62 मरीजों में से 12 की उम्र एक से 18 वर्ष के बीच है। वहीं, दिसंबर में कोरोना से जो 4 मौतें हुईं हैं, उनमें से 45 वर्षीय किडनी रोगी महिला को छोड़ सभी बुजुर्ग थे।

तिथि- मोहल्ला- संक्रमित की उम्र

-13 दिसंबर, घोसवरी, 1 वर्ष
- 12 दिसंबर, कंकड़बाग पीसी कालोनी, 15 वर्ष
- 11 दिसंबर, एजी कालोनी, 1 वर्ष
-11 दिसंबर, एजी कालोनी, 7 वर्ष
- 7 दिसंबर, बुद्धा कालोनी, 6 वर्ष
- 6 दिसंबर, इंद्रपुरी, 3 वर्ष
- 6 दिसंबर, इंद्रपुरी, 11 वर्ष
- 6 दिसंबर, दानापुर, 16 वर्ष
-6 दिसंबर, खाजपुरा, 11 वर्ष
-6 दिसंबर, खाजपुरा, 15 वर्ष
- 6 दिसंबर, शास्त्रीनगर, 12 वर्ष
- 4 दिसंबर, बोरिंग रोड, 17 वर्ष

पहली लहर से एनएमसीएच के कोरोना नोडल डा अजय कुमार सिन्हा के अनुसार, भले ही अभी संक्रमितों की संख्या कम है लेकिन कोरोना हमारे चारों ओर है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को बीमार कर रहा है। ऐसे में वैक्सीन की सुरक्षा से वंचित 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों व किशोरों के अलावा वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके बुजुर्गों और लंबे समय से किसी गंभीर रोग से पीडि़त लोगों की विशेष देखभाल की जरूरत है।

डा अजय कुमार सिन्हा के अनुसार, कोरोना से बचाव के लिए अपेक्षाकृत कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण बच्चों, बुजुर्गों और लंबे समय से बीमार चल रहे लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। घर से बाहर जाने की स्थिति डबल मास्क से नाक-मुंह को ठीक से ढंकना जरूरी है। इसके अलावा बाहर से आए लोगों के संपर्क में इन्हें सीधे नहीं आने दें। घर के लोग भी बाहर से आने के बाद कपड़े बदल कर और हाथ-मुंह साबुन से धोकर ही इन लोगों से मिलें।

यदि आशंका हो तो कोरोना की जांच करा लेनी चाहिए। बच्चों में उल्टी, दस्त और पेट में ऐंठन भी कोरोना का लक्षण हो सकता है। यदि कोरोना की पुष्टि होती है तो होम आइसोलेशन में रहने पर भी डाक्टरों के संपर्क में रहना चाहिए और उनके परामर्श अनुसार इलाज करना चाहिए।