कोरोना : हुबेई यूनिवर्सिटी में हॉस्पिटल खोलने का फैसला, भारतीय स्टूडेंट्स ने सरकार से मांगी मदद

भारत ने हुबेई प्रांत में पढ़ाई कर रहे अपने 647 नागरिकों को निकाला है लेकिन अभी भी वहां कई लोग मौजूद हैं। यह छात्र सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी की अपील कर रहे हैं क्योंकि महामारी से निपटने के लिए चीन के अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी परिसर में अस्थायी अस्पताल बनाने का फैसला किया है। अस्थायी अस्पताल बनाने में अधिकारी जिम और हॉस्टल का प्रयोग करने वाले है। चीन में वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। कोरोना वायरस की वजह से 1,369 लोगों ने अपनी जान गवा दी है। इस वायरस की वजह से एक दिन में 248 मौतें हुईं और यह सभी मौतें चीन के हुबेई प्रांत में हुई। इसी राज्य की राजधानी है वुहान जहां से कोरोना वायरस फैला है। यह सारी मौतें 12 फरवरी 2020 को हुई। 12 फरवरी को पूरे 24 घंटे में 248 मौतें हुईं यानि हर घंटे करीब 10 मौतें। एक दिन में मरने वालों की यह अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। इससे यह भी साबित होता है कि वायरस कमजोर नहीं पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि चीन में बुधवार तक 60,384 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 59,804 संक्रमित लोग तो सिर्फ चीन में ही हैं।

जिम और हॉस्टल को अस्थायी अस्पताल बनाने के आदेश के बाद हुबेई विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने भारत सरकार से अपील की है कि उन्हें यहां से निकालें। भारत पहले ही वुहान और हुबेई प्रांत के 647 नागरिकों को बाहर निकाल चुका है। 10 भारतीय विशेष विमान में नहीं सवार हो पाए थे क्योंकि उन्हें बुखार था। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में अब भी 80 से 100 भारतीय नागरिक हैं।