इमरान खान के मंत्री ने कहा - जुलाई के अंत तक पाकिस्तान में होंगे 12 लाख कोरोना मरीज

पाकिस्तान में करीब एक लाख 40 हजार कोरोना वायरस के केस अब तक सामने आ चुके है। पिछले कुछ दिन से पाकिस्तान में 6 हजार से अधिक मामले रोज आ रहे हैं, जो डराने वाले हैं। अभी तक पाकिस्तान में करीब 2 हजार 600 लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हुई है, जबकि 50 हजार से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं। पाकिस्तान में पंजाब और सिंध के इलाके कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हैं। सिंध प्रांत में 51 हजार 518 और पंजाब प्रांत में 50 हजार 87, खैबर पख्तूनख्वाह में 17 हजार 450, बलूचिस्तान में 7 हजार 866, इस्लामाबाद में 7 हजार 163, गिलगित बालटिस्तान में 1 हजार 44 और पाकिस्तान के कब्जे में कश्मीर में 574 मामले आए हैं।

12 लाख होंगे मामले

पाकिस्तान में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच इमरान खान की सरकार में मंत्री असद उमर ने बयान दिया है कि जुलाई के अंत तक पाकिस्तान में कोरोना वायरस के 12 लाख मामले हो सकते हैं। जबकि इसी महीने ये केस बढ़कर तीन लाख तक पहुंच सकते हैं। प्लानिंग मंत्री असद उमर ने बताया कि मुल्क में काफी रफ्तार से ये मामले बढ़ते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में हम लोगों से अपील करेंगे कि नियमों का पालन करें और मास्क जरूर पहनें। मंत्री के मुताबिक, सरकार ने आदेश जारी करके मास्क पहनने को जरूरी कर दिया है। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी हो सकती है। अब सरकार की कोशिश है कि जिन जगहों पर हॉटस्पॉट बन रहा है, वहां पर स्मार्ट लॉकडाउन लगाया जाए। ताकि अधिक लोगों को परेशानी ना आ पाए। पाकिस्तान में अभी रोज 30 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं, जुलाई के अंत तक पाकिस्तान में एक लाख टेस्ट रोज किए जाएंगे।

मौलवी बोले जितना हम सोएंगे, उतना ही वायरस भी सोएगा

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पाकिस्तान के मौलवी बेतुका बयान दे रहे हैं। पाकिस्तान के एक मौलवी का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस विडियो में मौलवी यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हमारे डॉक्टर हमेशा हमें ज्यादा सोने का सुझाव देते हैं। जितना ज्यादा हम सोएंगे उतना ही वायरस भी सोएगा। यह हमें नुकसान नहीं पहुंचाएगा। जब हम सोते हैं तो यह सो जाता है, जब हम मरते हैं तो यह मर जाता है। मौलवी के बयान के बाद लोग पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों पर भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मौलवी के बयान से यह साफ है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर जो जागरूकता अभियान चल रहे हैं, उनमें बेतुके तर्कों के अलावा कोई चर्चा नहीं हो रही है।