भारत ने नहीं दी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा तो जवाबी कार्रवाई संभव : डोनाल्‍ड ट्रंप

कोरोना वायरस (Coronavirus, Covid-19) की सबसे ज्यादा मार अमेरिका (America) को पड़ी है। यहां संक्रमित और मरने वालों की गिनती में तेजी से इजाफा हो रहा है। अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 10,335 हो गई है। वहीं अभी तक 3,50,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जो कि दुनिया के किसी भी देश में सबसे ज्यादा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के लिए अब तक 16 लाख जांच की गई हैं। ट्रंप ने रविवार को व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, 'अमेरिका में अब तक 16 लाख जांच की गई हैं जो किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। लगभग पूरे देश के लिए बड़ी आपदा की घोषणा कर दी गई है और अमेरिका की 33 करोड़ जनसंख्या में से 95% से अधिक लोग घरों के भीतर रहने के आदेश के तहत हैं।' ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से बातचीत कर मदद मांगी है। दरअसल, शनिवार शाम को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर कोरोना से लड़ने के लिए सहयोग की मांग की है। बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) टेबलेट्स मुहैया कराने का अनुरोध किया है। आपको बता दे, भारत ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

ऐसे में अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो वह जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अच्‍छे व्‍यापारिक संबंध हैं और संकेत दिया कि यदि भारत ने दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं।

व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है और मैं समझता हूं कि इस बात के कोई कारण नहीं हैं कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन नहीं हटाएगा।

ट्रंप ने कहा, 'मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्‍होंने इस दवा को अन्‍य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्‍छी रही। भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है।'

जवाबी कार्रवाई हो सकती है

ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी के साथ हालिया फोन कॉल के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह इस दवा को अमेरिका को देने पर विचार करेंगे। ट्रंप ने कहा, 'मुझे इस बात पर आश्‍चर्य नहीं होगा कि यह फैसला उन्‍हें मुझे बताना होगा जो हमने रविवार सुबह हमने बातचीत की थी। मैंने उनसे कहा था कि हम आपके दवा को देने के फैसले की सराहना करेंगे। यदि वह दवा को अमेर‍िका को देने की अनुमति नहीं देते हैं तो ठीक है लेकिन निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई हो सकती है और क्‍यों ऐसा नहीं होना चाहिए?'

क्या है हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन और क्यों दी जा रही है कोरोना मरीज को

भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का उत्पादन करती हैं। मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन बेहद कारगर दवा है। भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं, इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर इसका उत्पादन करती हैं। अमेरिका जैसे देशों में यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों को दी जा रही है और सहायक भी साबित हो रही है। इसी वजह से इसकी मांग और बढ़ गई है। हालांकि, हाल के दिनों में भारत में इस दवा के उत्पादन में थोड़ी कमी आई है। ये दवा एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से थोड़ी अलग दवा है। यह एक टेबलेट है, जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसे कोरोना से बचाव में इस्तेमाल किए जाने की बात भी सामने आई है। इस दवा का खास असर सार्स-सीओवी-2 पर पड़ता है। यह वही वायरस है जो कोविड-2 का कारण बनता है। और यही कारण है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के टेबलेट्स कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे हैं।