इंडोनेशिया पर कहर बनकर टूटा डेल्टा वेरिएंट, शवों को दफनाने के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

कोरोना के डेल्टा वैरिएंट 100 से ज्यादा देशों में पहुंच चुका है। इंडोनेशिया में कोविड-19 का डेल्टा वेरिएंट से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ईद की छुट्टी के दौरान मई में पर्यटकों के आने और पहली बार भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के फैलने के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या उनकी सीमा से अधिक हो गई है। इंडोनेशिया में दो हफ्ते में, सात दिनों के दैनिक मामलों का औसत 8,655 से बढ़कर 20,690 हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, यह संख्या भी कम बताई जा रही है। इसका सबसे अधिक असर इंडोनेशिया के सर्वाधिक आबादी वाले द्वीप जावा में देखने को मिल रहा है। जून के मध्य में अस्पतालों ने प्लास्टिक के तंबू लगाकर अस्थायी गहन देखभाल कक्ष (ICU) बनाने शुरू कर दिए थे और मरीजों को भर्ती से पहले कई दिनों का इंतजार करना पड़ रहा था। फुटपाथ पर ऑक्सीजन टैंक रखे गए थे।

अस्पतालों से दूर, खाली जमीनों को मृतकों को दफनाने के लिए साफ किया जा रहा है। परिवारों को अपने प्रियजनों को दफनाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि कब्र खोदने वालों को देर तक की शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है। पिछले साल, इंडोनेशिया के सबसे बड़े इस्लामी मौलाना निकाय ने एक फरमान जारी किया था कि सामूहिक कब्र जिसकी आम तौर पर इस्लाम में मनाही होती है, उसे संकट के वक्त अनुमति दी जाएगी।

दूसरी ओर, WHO के महानिदेशक टेडरोस अधानोम ग्रब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से दुनिया एक खतरनाक दौर मे हैं। इसके पीछे की वजह डेल्टा वेरिएंट के 100 से ज्यादा देशों में मिलना है। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार सामने आया डेल्टा वेरिएंट में अभी भी बदलाव और म्यूटेशन हो रहे हैं और ये कई देशों में कोविड-19 का सबसे ज्यादा खतरनाक वेरिएंट बनकर सामने आया है। वहीं, उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के जरिए महामारी को काबू में किया जा सकता है। ऐसे में सभी मुल्कों को वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।