
महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मरीज बढ़ने शुरू हो गए है। 21 जून को पूरे महाराष्ट्र में 6270 कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे, 22 जून को ये बढ़कर 8470 हो गए। इसके बाद 23 जून को पूरे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 10,000 से ज्यादा मामले सामने आए। बुधवार 23 जून को राज्य में 10,066 लोग संक्रमित पाए गए। इस दौरान 508 लोगों की मौत भी हुई थी। जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र के कई जिलों में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया है जिसके बाद से मामलों में तेजी देखी जा रही है।
महाराष्ट्र में गुरुवार को 9,844 लोग संक्रमित पाए गए। 9,371 लोग ठीक हुए और 556 लोगों की मौत हो गई। यहां अब तक 60.07 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 57.62 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1.19 लाख लोगों की मौत हुई है। फिलहाल 1.21 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है। कोविड-19 से ठीक होने की दर अब 95.93% है, जबकि मृत्यु दर बढ़कर 2% हो गई है।
बता दें कि महाराष्ट्र के कई जिलों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू है। जिसके चलते बाजार फिर से खुल चुके हैं। लोकल ट्रेन, मॉल और बाजारों में भीड़ नज़र आ रही है जिसका सीधा सा संबंध कोरोना के बढ़ते केसों से भी माना जा रहा है। फिलहाल महाराष्ट्र सरकार की सबसे बड़ी चिंता बनी है कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट डेल्टा प्लस वेरिएंट जिसके सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं।
महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट महाराष्ट्र में ना फैले इसके लिए राज्य के सभी 36 जिलों से 100-100 सैंपल भी मंगवाए गए हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि ये खतरनाक वेरिएंट आखिर कहां से आया है।
मुंबई समेत महाराष्ट्र के सभी बड़े शहरों को पूर्ण रूप से खुलने के बाद बाजारों में जो भीड़ आ रही है उससे कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनज़र यह आंकड़े बढ़ना सही नहीं है। फिलहाल महाराष्ट्र सरकार है अलर्ट पर है।
भारत में 41 डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलेबता दें कि पूरे भारत में 41 डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले हैं, जिनमें से 21 अकेले महाराष्ट्र में हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले रत्नागिरी में है जहां पर 9 केस सामने आए हैं। वहीं जलगांव में 7 मामले हैं, मुंबई और पालघर में 2-2 मामले सामने आए हैं और ठाणे में एक केस सामने आया है। महाराष्ट्र सरकार ने इस खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट को रोकने के लिए तैयारी भी कर ली है।
तीसरी लहर ला सकता है कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंटकोरोना के कम होते मामलों के बीच डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta+ variant) को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। वहीं अमेरिका के सबसे बड़े महामारी एक्सपर्ट एंथनी फौची ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण खत्म करने की कोशिशों पर डेल्टा वैरिएंट सबसे बड़ा खतरा है। उनका कहना है कि कोरोना के ओरिजिनल वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा वैरिएंट काफी तेजी से फैलता है। इससे बीमारी की गंभीरता भी बढ़ जाती है।
हालाकि, फौची का ये भी मानना है कि फाइजर समेत जिन कंपनियों की वैक्सीन अमेरिका में लगाई जा रही हैं, वे कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट पर भी असरदार हैं। फौची का कहना है कि हमें जल्द से जल्द वैक्सीनेशन का टार्गेट पूरा करना चाहिए।
लॉकडाउन, वैक्सीन और कोविड प्रोटोकॉल बनेगा मजबूत हथियारभारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने लॉकडाउन, वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल को कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में मजबूत हथियार बताया है।
डॉ गुलेरिया ने कहा, 'यह कहना अभी मुश्किल है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में कोई समस्या पैदा कर रहा है, लेकिन दुनियाभर में जिस तरह से कोरोना वायरस के डेल्ट प्लस वैरिएंट बढ़ रहा रहा है उसे देखते हुए हम सुरक्षा नियमों से समझौता नहीं कर सकते हैं।'
डॉ गुलेरिया ने कहा, 'हमें कोरोना वायरस को लेकर दर्ज किए गए उन सभी मामलों पर पैनी नजर रखने की जरूरत है, जहां इसमें किसी भी तरह की बढ़ोतरी देखी जाती है।'
डॉ गुलेरिया ने कहा, 'हमें अभी से तीसरी लहर से बचने के लिए उपाय करने और सतर्क रहने की जरूरत है। इसके साथ ही हमें उन सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का पालन करना होगा जो हम अभी तक करते आए हैं। हमें आक्रामक तरीके जांच और उसे ट्रैक करने की जरूरत है, ताकि अधिक-से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके।'