भारत में कोरोना संक्रमण से हो सकती हैं 18000 लोगों की मौत!

भारत में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यहां संक्रमण के मामले 1,57,510 तक पहुंच गए है। वहीं 4,523 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कहा जा रहा है कि जुलाई में संक्रमण पूरे जोर पर होगा जिसकी वजह से 18,000 लोग जान जा सकती है। एक महामारी एवं लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह कहा है। सेंटर फॉर कंट्रोल ऑफ क्रॉनिक कंडिशन्स (सीसीसीसी) के निदेशक प्रो डी प्रभाकरण ने कहा कि देश में यह महामारी बढ़ने की दिशा में है। प्रभाकरण ब्रिटेन में लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में महामारी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर भी हैं।

महामारी विशेषज्ञ ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले जुलाई में सामने आ सकते हैं। उन्होंने बुधवार को PTI को बताया कि यह विभिन्न शोधों के आधार पर और अन्य देशों में इस महामारी के बढ़ने और घटने का आकलन पर आधारित है।

6 लाख हो सकते है संक्रमित

उन्होंने कहा कि हमारे यहां 4 से 6 लाख मामले संक्रमण के हो सकते हैं और औसत मृत्यु दर 3% रह सकती है, जिसको देखते हुए भारत में कोरोना से मौत करीब 12,000-18,000 तक पहुंच सकती है। प्रभाकरण ने कहा कि सीमित डेटा को देखने पर ऐसा लगता है कि यहां मृत्युदर कम है लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है, यह तो महामारी के खत्म होने पर ही पता चल पाएगा।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हैल्थ, हैदराबाद में निदेशक प्रो जीवीएस मूर्ति ने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में मृत्युदर सबसे कम श्रीलंका में है जो प्रति 10 लाख पर 0.4 है। भारत, सिंगापुर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मलेशिया में प्रति 10 लाख की आबादी पर मृत्यु दर कम है। हां, यह कहना मुश्किल है कि इन देशों में मृत्युदर कम क्यों है।

उनके मुताबिक ऐसा हो सकता है कि इन देशों ने महामारी की शुरुआत में सामुदायिक लॉकडाउन शुरू कर दिया था जो मृत्युदर कम होने की वजह हो सकती है। जबकि यूरोप और अमेरिका ने ऐसे कदम देर से उठाए। प्रो मूर्ति ने बताया कि दुनियाभर और भारत के रूझानों को देखें तो पता चलता है कि 60 वर्ष और अधिक आयु के लोगों में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। भारत में कोविड-19 (Covid-19) के कारण जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 50% की उम्र 60 वर्ष या अधिक थी।

भारत में 21 लाख से ज्यादा होंगे संक्रमित

आपको बता दे, भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन (University of Michigan) और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) ने भी चेतावनी दी है। भारत में जुलाई के पहले हफ्ते तक 21 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण का शिकार हो चुके होंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन में बॉयोस्टैटिस्टिक्स और महामारी रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भारत के लिए तैयार किए गए एक मॉडल के जरिए जानकारी दी है कि यहां स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी का कहना है कि भारत में संक्रमण के मामलों का बढ़ना अभी कम नहीं हुआ है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले हर 13 दिन में डबल हो रहे हैं। ऐसे में सरकार का लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में ढील देना मुश्किलें बढ़ा सकता है। इससे पहले प्रोफ़ेसर मुखर्जी की टीम ने ही अप्रैल में सबसे पहले बताया था कि मध्य मई तक भारत में संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो जाएगी। अब मुखर्जी की टीम का अनुमान है कि भारत में जुलाई की शुरुआत तक 6,30,000 से 21 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण में वृद्धि से जुड़े इन अनुमानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि देश भर में संक्रमण के कुल मामलों का पांचवां हिस्सा अकेले मुंबई शहर में है।