योजना / देश में 75 जिलों की होगी निगरानी, कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का करेंगे पता

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 59 हजार 695 तक पहुंच गए है। शुक्रवार को 3345 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एक दिन पहले इतने 3344 संक्रमित मिले थे। देश के 216 जिले कोरोना से अब तक अछूते हैं और वहां एक भी कोरोना केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। वहीं, 42 जिलों में पिछले 28 दिनों से, 29 जिलों में पिछले 21 दिनों से, 36 जिलों में पिछले 14 दिनों से जबकि 46 जिलों में पिछले 7 दिनों से एक भी नया कोरोना मरीज सामने नहीं आया है। हालाकि, कुछ ऐसे जिले हैं जो कोरोना संक्रमण के गढ़ बन चुके हैं। देश में करीब 75 जिलों में ही कोविड-19 के ज्यादातर मामले हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) अब इन 75 जिलों में स्टडी शुरू करने की योजना बना रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं इन जिलों में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन तो शुरू नहीं हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों से कहा है कि वे हर जिले में सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (SARI) यानी सांस लेने में समस्या और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) वाले लोगों के कम से कम 250 सैंपलों को टेस्ट करें। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में ICMR का प्लान था कि क्लस्टर वाले या बहुत ज्यादा केसों वाले जिलों में इस तरह की स्टडी को रैपिड ऐंटी-बॉडी टेस्ट किट्स के जरिए जांच करके किया जाए। हालांकि, जब इन किट्स के नतीजों में विसंगतियां दिखने लगीं तब इस प्लान को स्थगित कर दिया गया। अब काउंसिल की योजना है कि इन 75 जिलों में ELISA (एंजाइमलिंक्ड इम्यूनोसोर्बेंट असे) टेस्ट किट्स के जरिए स्टडी की जाए। केंद्र ने ऐसा निर्देश इसलिए दिया है ताकि कोरोना वायरस के फैलाव पर नजर रखी जा सके और उसकी सही से निगरानी हो सके।

क्या है ELISA टेस्ट किट्स

ELISA टेस्ट किट्स भी रैपिड ऐंटी-बॉडी टेस्ट किट्स की तरह है क्योंकि यह भी व्यक्ति के खून में ऐंटी-बॉडी की सक्रियता का पता लगाता है। हालांकि, इन किट्स को अभी ICMR द्वारा वैधता का इंतजार है। ICMR ने कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की जांच के लिए मार्च महीने में भी इसी तरह की स्टडी की थी। हालांकि, ICMR यह शुरू से कहता आया है कि देश में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का दौर शुरू हो चुका है इसके कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिलें है।