ब्राजील में लगातार पांचवे दिन आए 30 हजार से ज्यादा मामले; कुल संक्रमितों का आंकड़ा 8 लाख के पार

कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 4 लाख 23 हजार 086 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 75 लाख 83 हजार 915 इस वायरस से संक्रमित हो चुके है। कोरोना से अभी दुनिया के 188 देश प्रभावित हैं। उधर, ब्राजील में कोरोना बेकाबू हो गया है। यहां पिछले 24 घंटों में ब्राजील में 30,412 नए केस मिले हैं। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8 लाख 2 हजार 828 तक पहुंच चुकी है। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार को कोरोना वायरस की चपेट में आने से 1 हजार 239 लोगों ने दम तोड़ दिया, जिससे यहां कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हजार 919 हो चुकी है। ब्राजील में महामारी के हालात यह हैं कि लगातार पांच दिन से 30 हजार से ज्यादा संक्रमित रोज मिल रहे हैं। राष्ट्रपति जायर बोल्सोनोरो की देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी आलोचना हो रही है। शुरुआत में उन्होंने कोरोना वायरस को मामूली फ्लू बताया था। ब्राजील ऐसा दूसरा देश है, जहां अमेरिका के बाद कोरोना के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं।

कोरोना से मरने वालों के मामले में ब्राजील तीसरे स्थान पर है। पहले पर अमेरिका और दूसरे पर ब्रिटेन है। ब्राजील में एक अच्छी बात ये है कि अब तक 3 लाख 45 हजार 595 कोरोना संक्रमित मरीज इलाज के बाद ठीक हुए हैं।

कोरोना से सबसे अधिक अमेरिका प्रभावित है। यहां कुल मरीजों का आंकड़ा 20 लाख 22 हजार 488 है, जिसमें 1 लाख 13 हजार 803 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में सबसे अधिक मौतें न्यूयॉर्क में हुई हैं। यहां 30 हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। दूसरे नंबर पर न्यू जर्सी शहर है, जहां 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका के बाद ब्राजील सबसे अधिक कोरोना से प्रभावित है। यहां कुल मरीजों का आंकड़ा 8 लाख को पार कर गया और 40 हजार से अधिक लोगों का मौत हो चुकी है। तीसरे नंबर पर रूस है, जहां कुल मरीजों की संख्या 5 लाख से अधिक है और 6 हजार 500 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं।

बचाव के लिए मास्क सबसे ज्यादा उपयोगी

टेक्सॉस और कैलिफोर्निया में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि वायरस हवा के जरिए सबसे तेजी से फैलता है। लिहाजा, मास्क ही संक्रमण से बचने का सबसे बेहतर तरीका है। एटमॉस्फेरिक साइंस के रिसर्चर रेन्यी झांग की टीम ने इटली और न्यूयॉर्क में मास्क को अनिवार्य बनाए जाने के पहले और बाद के नतीजों का अध्यन किया। रिसर्च डेटा में सामने आया कि जैसे ही इन दोनों जगहों पर मास्क जरूरी किया गया तो मामले कम होने लगे।