COVID-19 के केंद्र वुहान से ऐसी खबरें आ रही है कि अंतिम संस्कार के लिए शव परिवार को नहीं दिए जा रहे है। बल्कि 14 दिनों बाद सिर्फ परिवार को राख ही सौंपी जा रही है। उन्हें शव को छून और देखने तक नहीं दिया गया। ऐसे में AIIMS के डॉक्टर का कहना है कि कोरोना खांसने या छींकने से फैलता है न कि मृतक के शव से। एएनआई से बातचीत के दौरान एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कोरोना वायरस शवों से नहीं फैल सकते। यह रेस्पायरेटरी सीक्रेशन से फैलता है। वायरस के प्रसार के लिए खांसी जरूरी है। इसलिए संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से कोई खतरा नहीं है।
विवादों में आया कोरोना से मृत महिला का अंतिम संस्कारबता दे, दिल्ली में शुक्रवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित 69 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी, जिसका शनिवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार होना था। लेकिन निगमबोध घाट ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। निगमबोध घाट के प्रमुख सुमन गुप्ता ने कहा कि शव को यहां से ले जाएं और दूसरी जगह अंतिम संस्कार करें। वहीं दूसरी तरफ लोधी रोड शमशान घाट के संचालकों ने भी कोरोना वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाली महिला के अंतिम संस्कार की अनुमति देने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में खबर का असर हुआ तो निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करने की इजाजत दे दी गई।
कोरोना वायरस के प्रसार जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे-वैसे लोगों में इसको लेकर कई तरह के भ्रम और सवाल भी पैदा हो रहे हैं। संक्रमण के डर से लोग सड़कों पर हर तरफ मास्क लगाए घूम रहे हैं। उनके इसी भय को देखते हुए केंद्र, राज्य सरकारें और डॉक्टर नियमित रूप से अपने संदेश के माध्यम से उनका आशंका दूर करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि किसी तरह की घबराहट न मचे।
देश में अब तक कोरोना वायरस के 83 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से कर्नाटक और दिल्ली में एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है। सरकार जहां इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो इसे गंभीरता से नहीं ले रहे तो कई ऐसे हैं जिनके मन कई तरह की भ्रांतियां हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को सामने आया है जब कोरोना संक्रमति पति के संपर्क में आने वाली महिला आइसोलेशन से भाग गई। आगरा की एक महिला इटली में पति के साथ हनीमून मनाकर बेंगलुरु वापस लौटी थी। वापस आने पर पति कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया तो महिला को भी आइसोलेट किया गया, लेकिन अपनी और हजारों लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए न सिर्फ वह आइसोलेशन से बाहर निकली बल्कि पहले फ्लाइट से दिल्ली और फिर ट्रेन से आगरा अपने मायके जा पहुंची। कुछ मामले और ऐसे आए हैं जब संदिग्ध लोग आइसोलेशन से गायब हैं।
नागपुर में अस्पताल से भागे 5 कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजऐसे ही एक मामले में महाराष्ट्र के नागपुर के अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के पांच संदिग्ध मरीज अस्पताल से भाग गए हैं। देर रात हुई इस घटना के बाद शहर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मरीजों की तलाश जारी है। कोरोना के मरीजों के अस्पताल में भागने की खबर के बारे में जानकारी देते हुए जोनल डीसीपी राहुल मकनिकर ने बताया कि पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है और पूरे शहर में नाकेबंदी कर दी गई है। संदिग्धों की अभी स्थिति क्या थी अभी इसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। जानकारी के मुताबिक, नागपुर के इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायो) से कोरोना वायरस के 5 संदिग्ध भाग गए। इन सभी को संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित 17 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है।
जांच के दौरान भागा अमेरिकी कपलकेरल के अस्पताल से कोरोना वायरस जांच के दौरन एक अमेरिकी कपल भाग गया था। हालाकि, बाद में इस कपल को पकड़ लिया गया। दरअसल, दंपति की जांच में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गए थे। इसके बाद दोनों को कोरोना वायरस से जुड़ी जांच करवाने को कहा गया था। हालांकि दंपति बिना कोरानो वायरस की जांच कराए ही अस्पताल से निकल गया था। अमेरिकी दंपति को कोच्चि इंटरनेशनल हवाई अड्डे से पकड़ा गया है। इसके बाद दंपति को अब दोबारा आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है।
संदिग्धों की लापरवाही देख पीएम मोदी हुए ऐक्टिवइन घटनाओं को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को खुद ऐक्टिव हो गए और उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से लोगों को बताया कि संक्रमण की आशंका पर घऱ पर आइसोलेशन में रहना क्यों जरूरी है। मोदी ने दिशानिर्देश जारी करते हुए लिखा, 'यहां कुछ महत्वपूर्ण सूचना है। इसे पढ़ें।' स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि घर पर पृथक रखने का उद्देश्य 'आपको और आपके प्रियजनों की रक्षा करना है।'