भारत ने 1.5 अरब Corona Vaccine डोज खरीदने के लिए की एडवांस बुकिंग

कोरोना वायरस के खिलाफ अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना व फाइजर-बायोएनटेक की सफलता भारत के लिए बेहद मददगार साबित हो सकती है। फाइजर की वैक्सीन 95% कारगर साबित हुई है और उसने तीसरे चरण के परीक्षण को भी बंद कर दिया है, जो सफल रहा है। वहीं, इस बीच भारत ने 150 करोड़ से अधिक डोज खरीद के लिए एडवांस बुकिंग करा दी है। भारत 1.5 अरब से अधिक डोज खरीदने की पुष्टि कर चुका है, जो कि यूरोपीय यूनियन की 1.2 अरब डोज और अमेरिका की 1 अरब डोज से अधिक है। लेकिन अमेरिका और यूरोपीय यूनियन अपनी संभावित खुराक खरीद के कारण आगे हैं। अमेरिका ने 1.5 अरब से अधिक संभावित डोज खरीद के लिए हस्ताक्षर किए हैं। वहीं, यूरोपीय यूनियन ने 76 करोड़ से अधिक संभावित डोज खरीद के लिए हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिका 1.5 अरब संभावित डोज खरीद और 1 अरब डोज की बुकिंग के साथ करीब 2.6 अरब डोज के लिए हस्ताक्षर कर चुका है। इससे पता चलता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अपनी पूरी आबादी का एक से अधिक बार टीकाकरण कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन डोज खरीद प्रतिबद्धता के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। भारत से पहले अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का नंबर है। यह रिपोर्ट ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च और स्केल स्पीडोमीटर इनिशिटिव पर आधारित है, जो निम्न आय वर्ग वाले देशों में हेल्थ इनोवेशन की पहुंच में बाधक बनने वाले वजहों का अध्ययन कर रहा है। 'लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर इनिशिएटिव' के मुताबिक, 'कोविड-19 वैक्सीन अडवांस मार्केट कमिटमेंट्स' के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है और इससे आगे अमेरिका और ईयू ही हैं।

भारत पहले से ही उन लोगों की प्राथमिकता सूची तैयार करने में जुटा है, जिन्हें पहले टीका लगाया जाएगा। एक बार पूरी तरह प्रभावी वैक्सीन के आ जाने के बाद अधिकतर आबादी के समयबद्ध तरीके से टीकाकरण के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह काम कर रहा है। अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और इसके जर्मन पाटर्नर बायोएनटेक एसई ने कहा है है कि इसका वैक्सीन कैंडिडेट 95% प्रभावी पाया गया है। ड्यूक यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुबाबिक, अब तक 8 अरब वैक्सीन डोज की बुकिंग हो चुकी है, जबकि टीकों के प्रभाव का नतीजा सामना नहीं आया है। विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी चिंता जता रहे हैं कि अमीर और मिडिल इनकम वाले देशों की ओर से अडवांस डील्स की वजह से कोरोना वायरस टीके के वैश्विक रूप से समान वितरण में चुनौती आ रही है।

5.62 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में

आपको बता दे, दुनियाभर में अब तक 5.62 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.92 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 13.50 लाख लोगों की जान जा चुकी है। अब 1.57 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस। इनमें भी 1.56 करोड़ मरीजों में हल्के लक्षण है लेकिन इस बीच, गंभीर मरीजों का आंकड़ा भी 1 लाख के पार हो गया है।

भारत की बात करे तो बीते 24 घंटों में 45 हजार 369 केस आए, 48 हजार 675 मरीज ठीक हो गए और 586 की मौत हो गई। अब तक कुल 89.58 लाख केस आ चुके हैं। 83.81 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं और 1.31 लाख संक्रमितों की मौत हो चुकी है। भारत अब दुनिया का 6वां देश है, जहां सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस, यानी जिन मरीजों का इलाज चल रहा है। राहत की बात है कि बीते चार दिन में भारत इस मामले में चौथे से छठवें नंबर पर आया है। बेल्जियम और रूस में अब भारत से ज्यादा मरीज हैं। देश में बीते दो महीनों में 5.70 लाख से ज्यादा एक्टिव केस कम हुए हैं। 17 सितंबर को 10.17 एक्टिव मरीज थे, जो 17 नवंबर को 4.47 लाख हो गए।