सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला रहा भारत में, अब तक 70 लाख लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन

भारत सबसे तेज 70 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्‍सीन लगाने वाला देश बन गया है। इससे पहले सबसे तेज 10 लाख, 20 लाख, 30 लाख, 40 लाख, 50 लाख और 60 लाख लोगों को टीके भी यहीं लगाए गए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन को इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए क्रमशः 27 और 48 दिन लग गए थे। मंत्रालय ने कहा 11 फरवरी, 2021 तक 74 लाख से अधिक लोगों को वैक्‍सीन लगाया जा चुका है। 74 लाख टीकाकरणों में से करीब 58 लाख हेल्‍थ वर्कर्स और 16 लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स थे। भारतीय राज्यों में, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में पिछले 27 दिनों में सबसे ज्यादा टीकाकरण दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने कुल पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों में से 65% से अधिक टीकाकरण कर लिया है और इसमें सबसे आगे बिहार राज्‍य है जहां अब तक पंजीकृत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में से 79 फीसदी का टीकाकरण हो चुका है।

आपको बता दे, जनवरी की शुरुआत में, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) ने कोविड -19 वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) को अनुमति दी थी जिसे एस्ट्राज़ेनेका व ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा निर्मित किया गया था। इसने भारत बायोटेक द्वारा विकसित एक वैक्सीन कोवाक्सिन (Covaxin) को भी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी, जिसका उपयोग कुछ परिस्थितियों में किया गया था क्योंकि यह टीका अभी भी चरण 3 के परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। भारत ने क्रियाविधि को समझने और सामने आ सकने वाले संभावित मुद्दों की पहचान करने के लिए देश भर में दो ड्राय रन आयोजित करने के बाद 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान को शुरू किया था। लक्ष्य था कि इसके पहले चरण में पंजीकृत हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हो जाए। वरिष्ठ डॉक्टरों ने टीकाकरण के प्रति किसी भी झिझक को दूर करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन लिया। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए तकनीकी मुद्दों को प्राथमिकता पर हल किया गया।

आपको बता दे, सरकार ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद करीब 97% लोग इसकी प्रोसेस से संतुष्ट हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मंगलवार को बताया कि सरकार 17 जनवरी से वैक्सीनेशन के दौरान को-विन ऐप के जरिए लोगों का फीडबैक ले रही है। इस पर अब तक 7.75 लाख लोगों ने प्रतिक्रिया दी है।

हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे एक मार्च तक सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को कम से कम एक बार कोरोना की वैक्सीन का पहला डोज दे दें। जो लोग तय समय से साइट पर नहीं पहुंच रहे हैं, उन्हें 6 मार्च तक मॉप-अप राउंड के जरिए टीका लगाया जाए। वहीं, ऐसे राज्य जहां हेल्थकेयर वर्कर्स तय समय पर वैक्सीन नहीं ले पाए हैं, उन्हें 24 फरवरी तक वैक्सीन दे दी जाए।