Corona Vaccination First Day: करीब दो लाख लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन, हल्के साइड इफेक्ट के मामले आए सामने

देश में कोरोना वायरस को हराने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों के सबसे ज्यादा नजदीक रहने वाले सरकारी कर्मियों का टीकाकरण हो रहा है। टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन देश में करीब 2 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में टीकाकरण के पहले दिन 3352 केंद्रों पर 1,91,181 स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। वहीं देश में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कुछ लोगों में हल्के साइड इफेक्ट भी देखने को मिले हैं।

नर्स हुई बेहोश

वैक्सीन लगने के बाद दिल्ली स्थित एम्स में एक गार्ड को एलर्जी होने और पश्चिम बंगाल में एक नर्स को बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता में 35 वर्षीय एक नर्स कोविशील्ड टीका लगने के बाद बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गार्ड को हुई एलर्जी

वहीं दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक गार्ड को कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक लगाए जाने के बाद एलर्जी हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक शनिवार शाम चार बजे के बाद इस सुरक्षा गार्ड को टीका लगाया गया और उसके 15-20 मिनट बाद उसकी धड़कनें बढ़ गई और उसके शरीर पर चकत्ते हो गए जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया।

गुलेरिया ने कहा कि उसका तत्काल उपयुक्त उपचार किया गया और उसकी स्थिति सुधरी। अब उसकी स्थिति स्थिर है। एहतियात के तौर पर उसे रातभर के लिए चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया और उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक एईएफआई (टीकाकरण के बाद के प्रभाव) का एक गंभीर और 51 मामूली मामले उन स्वास्थ्यकर्मियों में सामने आए, जिन्हें दिल्ली में शनिवार को कोविड-19 टीकाकरण के पहले दिन कोरोना वायरस टीका लगाया गया।

देश में कोरोना वायरस के संक्रमित मामले 1 करोड़ के पार हो चुके हैं। इसके बाद देश में कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी दी गई। जिसके बाद देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है।

इस अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी हैं और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। उन्होंने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और 'दवाई भी, कड़ाई भी' का मंत्र दिया।