कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा! AIIMS के डॉक्टर ने बताया कब से लगेगी इन्हें वैक्सीन

देश में अब तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है। ऐसे में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि डॉक्टरों को कहना है कि बच्चों को वैक्सीन देने में अभी समय लग सकता है।

एम्स की COVID-19 टास्क फोर्स के चेयरपर्सन व चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ नवीत विग ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है इसलिए जब तक पूरा डाटा हमारे सामने नहीं आ जाता तब तक बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं दी जा सकती है।

उन्होंने गुरुवार को कहा, 'बच्चों के लिए उपलब्ध वैक्सीन की मात्रा और सुरक्षा डेटा उपलब्ध होने के बाद, टीके लगाए जाएंगे। बच्चों की सुरक्षा के मामले में हम कोताही नहीं बरत सकते। हमें तीसरी लहर को नहीं आने देना है।'

उन्होंने कहा, 'हमें अपनी पॉजिटिविटी रेट को कम रखना है और अपनी रणनीतियों को हर समय बदलते रहना है। इस वायरस से निपटने के लिए कोई एक फॉर्मूला नहीं है। जन समर्थन और जानकारी सबसे महत्वपूर्ण है।'

तीसरी लहर का आना तय

आपको बता दे, केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन सहित तमाम जानकार कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है। इनमें देश के टॉप वायरोलॉजिस्‍ट डॉ वी रवि भी शामिल हैं।

डॉ रवि यह भी कह चुके हैं कि तीसरी लहर में बच्‍चों के चपेट में आने की ज्‍यादा आशंका है। इसलिए पहले से तैयारी कर लेना जरूरी है। तीसरी लहर में बच्‍चों के चपेट में आने की आशंका के पीछे रवि ने सामान्‍य से लॉजिक दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जो इम्‍यून नहीं हैं, वायरस उन्‍हें पकड़ेगा। बड़ों को वैक्‍सीन मिल रही है। लेकिन, बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन नहीं है। इस पर ट्रायल जारी है। इसमें तीन से 4 महीने का वक्‍त लगेगा। देश में अभी करीब 30 करोड़ बच्‍चे हैं। इनमें से एक फीसदी बच्‍चे भी इंफेक्‍ट हुए तो तकरीबन 3 लाख बच्‍चों पर असर पड़ेगा।

रवि के मुताबिक, एक वेव ठंडी पड़ने के बाद दूसरी आने में 3 से 5 महीने का समय लगता है। लिहाजा, नवंबर-दिसंबर के आसपास तीसरी लहर आ सकती है। तीसरी लहर के लिए पहले से ही तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए करीब 6 महीने का वक्‍त है