देश में बढ़ता डेल्टा प्लस वैरिएंट, अब तक मिले 60 से ज्यादा मरीज

देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, केरल, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में डेल्टा प्लस के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी इस वैरिएंट को संदिग्ध माना गया है। जानकारी मिली है कि इसी सप्ताह में इन चार राज्यों में डेल्टा प्लस की मौजूदगी का पता चल सकता है। मिली जानकारी के अनुसार देश में अब तक 60 से ज्यादा मरीज मिल चुके है। स्थिति यह है कि बीते एक सप्ताह में महाराष्ट्र में 14 नए मामले सामने आए हैं। वहीं दिल्ली और पश्चिम बंगाल में भी इस वैरिएंट की मौजूदगी की आशंका व्यक्त की गई है।

पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी की एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि महाराष्ट्र में 14 और नए मामले डेल्टा प्लस के मिले हैं। अब तक यहां 34 मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित मिल चुके हैं। इसी तरह मध्यप्रदेश से जांच के लिए पहुंचे सैंपल में तीन और डेल्टा प्लस संक्रमित मिले हैं। इस तरह देश में डेल्टा प्लस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 66 हो चुकी है।

भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर चिंता बनी हुई है। इस बीच कोविड कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल ने सोमवार को कहा है कि जिस अप्रत्याशित तरीके से कोरोना वायरस का व्यवहार बदलता है, उसमें कोविड महामारी की किसी लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती।

पीटीआई-भाषा से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी आकार की महामारी की नई लहर कई बातों पर निर्भर करती है। वर्तमान महामारी के मामले में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के समुचित व्यवहार, परीक्षण और संक्रमण की रोकथाम के लिए रणनीति के मामले में व्यापक अनुशासन और टीकाकरण की दर पर निर्भर करेगा। वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप के बारे में पूछे जाने पर पॉल ने कहा कि इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी काफी शुरुआती चरण की है।

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस के विरुद्ध कोवैक्सीन और कोविशील्ड की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पॉल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक आकलन के अनुसार दोनों टीके डेल्टा प्लस समेत कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के विरुद्ध प्रभावी हैं।