Bihar News: कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों में घिरी नितीश सरकार, पप्पू यादव ने पूछा- मौत घोटाला कौन कर रहा है?

बिहार की नितीश सरकार कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ों को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है। पहले विभाग ने कहा था कि 5458 लोग मरे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के बयान के से मरने वालों की संख्‍या बढ़कर 9429 हो गई। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से बुधवार तक मरने वालों की संख्या 5,478 के अलावा सत्यापन के बाद अतिरिक्त 3,951 अन्य लोगों की मौत के आंकड़े जोड़े गए हैं। दरअसल, बिहार में कोरोना से हो रही मौतों की संख्या पर उठ रहे सवालों से तंग आकर 18 मई को नितीश सरकार ने आंकड़ों की जांच कराने का फैसला लिया था। सही आंकड़ों का पता करने के लिए दो तरह की टीमें बनाई गई थीं, जिनकी जांच रिपोर्ट में ये लापरवाही सामने आई है। कोरोना से मरने वाले लोगों के नये आंकड़ों के साथ न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है बल्कि विपक्ष ने नीतीश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।

पूर्व सांसद पप्पू यादव ने उठाए सवाल

बता दें कि जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव कोरोना मरीजों की मौत के आंकड़ों पर शुरू से ही सवाल उठा रहे थे। अब विभाग की सच्चाई सामने आने के बाद उनका हमला और तेज हो गया है। पूर्व सांसद ने सरकार के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खोला ही था कि उनको 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में जेल भेज दिया। अभी पूर्व सांसद पप्पू यादव जेल में ही हैं, लेकिन सरकार पर ट्वीट के माध्यम से लगातार हमलावर हैं।

बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग की सच्चाई सामने आने के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट कर सरकार को घेरा है। उन्‍होंने ट्वीट कर बिहार सरकार से पूछ, 'आज एक दिन में बिहार में 3971 लोग कोरोना से मरे हैं। और ये आंकड़े कोविड19 इंडिया डॉट ओआरजी पर मौजूद हैं। सरकार बताए एक दिन में इतनी मौते कैसे हुईं। मंगल और मोदी मुंह खोलें।'

इसके साथ पूर्व सांसद पप्पू यादव ने ट्वीट करके कहा, 'कुर्सी कुर्सी खेलने वालों, मन्दिर और मस्जिद के नाम पर जहर घोलने वालों ठहर जाओ वरना मौत तुम्हारे दर पर भी दस्तक देगी।'

इसके अलावा पूर्व सांसद ने एक अन्‍य ट्वीट में लिखा, 'बिहार में मौत घोटाला! पटना में कल 1000 से अधिक लोगों की कोरोना से मौत की क्या है सच्चाई? कहा जा रहा है कि पहले मौत के आंकड़ों को छुपाया गया था, अब उन्हें जारी किया गया है। आखिर यह खेल किसका है? स्वास्थ्य विभाग में मौत के आंकड़ों का घोटाला कौन कर रहा है?'