कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के दिल और दिमाग पर भी हो रहा असर, मौत का ऐसा डर की नींद भी नहीं आ रही

कोरोना का कहर जारी हैं जिसमें हर दिन लाखों मरीज सामने आ रहे हैं, हांलाकि अब इससे ज्यादा मरीज रिकवर भी हो रहे हैं। लेकिन कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां कोरोना से ठीक हुए मरीजों को शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। कोरोना से रिकवर कर चुके मरीजो में भय, अवसाद और अनिद्रा की बीमारी बढ़ गई है। कोरोना संक्रमण से उबरे लोगों में कई बीमारियां उभरने लगी हैं। इनमें दिल और किडनी की बीमारियों से परेशान लोगों की संख्या ज्यादा है। कॉर्डियोलॉजिस्ट के पास ओपीडी-इमरजेंसी में जो मरीज पहुंच रहे हैं, उनमें 20 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना को मात दी है।

हालांकि, विशेषज्ञ कहते हैं कि, इनमें ऐसे मरीज ज्यादा हैं, जिन्हें पहले से दिल से जुड़ी बीमारी, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी की समस्या रही है। ऐसे मरीजों में गंभीर लक्षण देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टर्स के नुताबिक ओपीडी में रोजाना औसतन 10 मरीज पोस्ट कोविड वाले आते हैं। इनमें 40 से 60 साल की उम्र वाले ज्यादा है। कोविड रिकवरी के चार से छह सप्ताह बाद कुछ मरीजों में हृदय से जुड़े गंभीर लक्षण दिखे हैं। डॉक्टरों का कहना है यदि पहले से दिल के मरीज हैं और कोरोना की चपेट में आ गए हैं तो पहले से चल रही दवाई बिल्कुल न छोड़ें। अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा की डोज सेट करा लें। कोविड रिकवरी के बाद लिपिड प्रोफाइल, सीआरपी, डी-डाईमर, शुगर की जांच जरूर कराएं। इससे गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।