हार पर चर्चा : 31 मई को कांग्रेस ने बुलाई विपक्षी पार्टियों की बैठक

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के अंदर सियासी उथल-पुथल मच गई है। वही 31 मई को कांग्रेस ने अपनी हार के संभावित कारणों पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। विपक्षी पार्टियां संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति पर भी विचार-विमर्श कर सकती हैं। बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट मशीनों में कथित विसंगतियों के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है। संसद का सत्र छह जून से शुरू होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे और इसके अगले दिन कांग्रेस ने यह बैठक बुलाई गई है। लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए आगामी एक जून को पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है।

इस्तीफा देने की बात पर अड़े राहुल गांधी

इस बीच पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस्तीफा देने की बात पर अड़े हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि वह पार्टी के पुराने नेता अशोक गहलोत, कमलनाथ और पी। चिदंबरम से काफी खफा हैं, जिन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अपने बेटों को जीत दिलाने का प्रयास किया और पार्टी के लिए काम नहीं करते दिखे। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश पर जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन कर राहुल से इस्तीफा वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने पूरे देश में 421 उम्मीदवारों को उतारा था, लेकिन इसमें से केवल 52 ही जीत सके। यह लगातार दूसरी बार है, जब पार्टी ने इतना खराब प्रदर्शन किया है। कांग्रेस ने सबसे अधिक 15 सीटें केरल में और पंजाब व तमिलनाडु में आठ-आठ सीटें जीती हैं। चुनाव में हारने वाले नेताओं में कांग्रेस कार्यकारिणी में शामिल चार नेता भी हैं, जोकि पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली इकाई है, लेकिन पार्टी की युवा शक्ति पार्टी के पुराने सिपाही को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है। पायलट और सिंधिया राहुल के 'क्लीन अप' प्रयास में साथ देने के लिए सबसे आगे हैं। सूत्रों ने कहा कि लोकसभा हार के बाद सीडब्ल्यूसी बैठक में राहुल ने पार्टी के पुराने नेताओं पर निशाना साधा था। बताया जा रहा है कि हार का स्वाद चखने वाले युवा नेताओं को कोई खतरा नहीं है। वास्तव में पायलट और सिंधिया को राहुल गांधी के बदले पार्टी के चेहरा के तौर पर देखा जा रहा है।