दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लोग इस साल दीपावली (Deepawali) पर आतिशबाजी नहीं कर सकेंगे। NGT ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 30 नवंबर तक के लिए पटाखों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही NGT ने अन्य राज्यों के लिए भी अहम व्यवस्था दी है। ट्रिब्यूनल ने अपने अपने आदेश में कहा कि जिन राज्यों में वायु प्रदूषण या एयर क्वालिटी ठीक है, वहां 30 नवंबर तक पटाखा छोड़ा जा सकता है। ट्रिब्यूनल ने इसके साथ ही यह भी कहा कि खराब AQI वाले शहरों में इस अवधि तक आतिशबाजी प्रतिबंधित रहेगी।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि नवंबर में जिन शहरों में एक्यूआई खराब या बहुत खराब की श्रेणी में होगा, वहां पटाखा छोड़ने पर पाबंदी रहेगी। इसके अलावा जिन शहरों में एक्यूआई 'मॉडरेट' है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही छोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा दिवाली, क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या के मौके पर सिर्फ दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखा जलाने की इजाजत होगी।
बता दें कि पटाखें की बिक्री पर बैन किए जाने से व्यापारियों के बीच काफी गुस्सा है। जामा मस्जिद की पटाखा मार्केट में दुकानदार राजेश बताते हैं कि 5 से 10 लाख का माल हर दुकानदार ख़रीदकर बेचने की तैयारी में बैठा है। लेकिन जब बिक्री का समय आया तो सरकार ने पटाखे ही बैन कर दिये। अब लाखों के नुक़सान की भरपाई आख़िर कैसे होगी। सरकार को दुकानदारों के नुक़सान की भरपाई करनी चाहिए। पटाखो पर बैन की वजह से नाराज़गी सिर्फ़ दुकानदारों में ही नहीं बल्कि कुछ ख़रीददारों मे भी देखने को मिल रही है। ख़रीदारों ने बताया कि बच्चे पटाखो की मांग करते हैं, ऐसे में बच्चों को कैसे मनाएं।
आपको बता दे, देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में तमाम उपायों के बावजूद वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। सोमवार सुबह कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता (AQI) बेहद ही गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इससे सांस लेने में कठिनाई के साथ ही आंखों में जलन की समस्या भी सामने आने लगी है। आनंद विहार में AQI का लेवल 484, मुंडका में 470, ओखला फेज 2 में 465 और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांग 468 पाया गया। इसे सीवियर कैटेगरी माना जाता है और इसकी वजह से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है।