मुख्यमंत्री गहलोत ने माना कि परीक्षा प्रणाली में लाना होगा परफेक्शन, प्रक्रिया सही होने पर भी लगने लगा हैं सवालिया निशान

राजस्थान में बीते दिनों हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी देखने को मिली थी। इसके बाद पटवारी भर्ती में भी कई मामले सामने आए थे। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होने से सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की विश्वसनीयता पर असर पड़ा है। सीएम अशोक गहलोत ने आरपीएससी के नए भवन के ब्लॉक के वर्चुअल लोकार्पण समारोह में कहा- पेपर लीक होना बड़ी चुनौती बन गया है। कल यूपी में भी पेपर लीक हो गया। राजस्थान में हर परीक्षा पर सवालिया निशान लगने लगा है, चाहे वह सही ही क्यों न हो। गहलोत ने कहा- यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी में भी नियमित रूप से भर्तियों का कैलैंडर तैयार हो। पहले इसके प्रयास हुए थे। कार्मिक विभाग को भी चाहिए कि वह समय पर नई भर्तियां निकालने की रिक्वेस्ट आरपीएससी को भेज दे। समय पर भर्ती की सूचना दें। परीक्षाओं में इंटरव्यू के बारे में भी सोचें कि किस हद तक इन्हें रखा जाए? जितना ज्यादा भर्तियों में इंटरएक्शन कम होगा उतना ही ज्यादा ठीक रहेगा।

परीक्षा में कोई कमी रह गई है तो एक अवसर मिल जाता है। मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है। हमें परीक्षा प्रणाली में परफेक्शन लाना होगा। परफेक्शन ऐसा हो कि किसी को सवाल उठाने की नौबत न आए। परीक्षा पर डाउट होना ही बहुत बड़ी बात है। बच्चों की जिंदगी का सवाल होता है। उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है और पेपर लीक होने से मेरा अब क्या होगा।

गहलोत ने कहा- प्रतियोगी परीक्षा देने वाले बच्चों को भी लगता है कि उसका क्या होगा? ये सवाल उठते हैं इन पर सोचना होगा। परीक्षाओं का काम बहुत गोपनीय तरीके से करना होगा। आरपीएससी अध्यक्ष और मेंबर जितनी ज्यादा बारीकी से ध्यान रखेंगे उतने ही सही रिजल्ट आएंगे और उससे उतना ही जनता का विश्वास भी कायम होगा। आरपीएससी और सरकार की ​क्रेडिबिलिटी का सवाल है। लोगों में धारणा है कि सलेक्शन में यह हालत क्यों पैदा हो रही है? लोगों में धारणा है कि जहां सलेक्शन होते हैं वहां यह स्थति क्यों पैदा हो रही है? इस स्थिति को बदलने के लिए काम करना होगा।