इस तरह कैसे सफल होगी मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना, दो माह से नहीं हुई शिकायतों के निस्तारण की मीटिंग

किसी भी योजना की सफलता तब निश्चित होती हैं जब उस योजना की खामियों पर काम कर उन्हें दूर किया जाए। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना को लेकर भी प्रदेश में शहर के 24 प्राइवेट अस्पतालों की इलाज में लापरवाही बरतने काे लेकर 80 से अधिक शिकायतें है जिनका निस्तारण होना बाकी हैं। इन शिकायतों को लेकर सीएमएचओं व जिला प्रशासन की दो माह से कोई मीटिंग ही नहीं हुई तो निपटारा होना तो बहुत दूर की बात हैं। कलेक्टर नेहरा का कहना है कि पंचायती राज चुनावों से अब निवृत हुए है। दाेनाें सीएमएचओं काे मीटिंग के लिए कहा गया है। नेहरा ने बताया कि बैठक से 10 दिन पहले सूचना दी जाती है ताकि दाेनाें सीएमएचओं का मीटिंग में आना सुनिश्चत हाे सके। मीटिंग में जिले भर से पीडित लाेग आते है उनकी सुनवाई हाेना जरूरी है।

कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने गत 18 अगस्त काे कलेक्ट्रेट में मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में जयपुर के दाेनाें सीएमएचओं नहीं पहुंचने के कारण कलेक्टर नेहरा काे मीटिंग रद्द करनी पडी। जिससे मीटिंग में आए 24 प्राइवेट अस्पतालों के प्रतिनिधि और शिकायत करने वाले 30 पीडित लाेग इंतजार कर बिना किसी कारवाई के वापस लाैट गए थे।

कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा का कहना है कि योजना में प्राइवेट अस्पतालों के इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए बैठक बुलाई जाती है। शिकायतों काे लेकर अस्पताल के प्रतिनिधियों और शिकायत कर्ता काे सुना जाता है। शिकायतों के निस्तारण में सीएमएचओं काे जांच भी सौंपी जाती है। इसलिए दाेनाें सीएमएचओं का रहना आवश्यक हाेता है।