चीन के अत्याचार का सामना कर रहे हैं उइगर मुस्लिम, मामूली मामलों में ही 25 साल तक की जेल

चीन को अपनी तानाशाही के लिए जाना जाता हैं जहां लगातार उइगर मुस्लिमों पर होने वाले अत्याचार की ख़बरें सामने आ रही हैं। चीन में मस्जिदों को गिराने की कई खबरें पहले भी आ चुकी हैं। अब सामने आ रहा हैं कि चीन में उइगर मुस्लिमों को मामूली मामलों में भी कड़ी सजा दी जा रही हैं। चीन में उइगुर मुसलमानों को आपसी झगड़े जैसे मामूली या झूठे आरोप तक में 5 से 25 साल तक की कैद दी जा रही है। उइगर आरोपियों को अपनी स्वतंत्र वकील नहीं करने दिया जाता और ना ही सुबूत सार्वजनिक किए जाते हैं। सजा सुनाने में भी अत्यधिक तेजी दिखाई जाती है। मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक चीनी अदालतों में दोष साबित होने की दर 99 फीसदी है। 2020 में करीब 15 लाख मामलों में से केवल 656 में लोगों को निर्दोष करार दिया गया।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जांच राज्य में साल 2014 के बाद से लंबी सजा के लिए उन पर आतंक फैलाने, अलगाववाद और नफरत फैलाने के आरोप लगाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। 2016-18 के दौरान जेल भेजे गए 60 लोगों के मामलों के आधार पर ह्यूमन राइट्स वॉच चाइना की माया वांग ने कहा, लोगों को भड़काना, झगड़ा करने या मारपीट जैसे आरोपों में 5 वर्ष से 25 वर्ष तक की कैद दी जा रही है।

अमेरिका के बाइडन प्रशासन और मानवाधिकार संगठनों ने दावा किया था कि चीन ने 20 लाख उइगर मुस्लिमों को गैरकानूनी बंदी गृह में रखा है। चीन इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों का नाम देता है जहां लोगों को धार्मिक कट्टरता से मुक्त करने पर काम किया जाता है। यहां के लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड धर्म की जानकारी नहीं दी जाती है। ऑस्ट्रेलियाई संस्थान के एएसपीआई के अध्ययनकर्ता नाथन रूसर के अनुसार, शिनजियांग की सैटेलाइट तस्वीरों की संख्या तेजी से बढ़ने का खुलासा होता है। कैद उइगरों के रिश्तेदारों के बयान इसकी पुष्टि करते हैं।

2014 में शिनजियांग में 21 हजार लोगों को जेल की सजा दी गई थी। 2018 तक यह संख्या 1.33 लाख पहुंच गई। विशेषज्ञों के अनुसार इस क्षेत्र की आबादी ढाई करोड़ है। जिनमें से करीब ढाई लाख लोगों को बीते 5 साल में जेल में डाला जा चुका है। शिंजियांग की सांख्यिकी वार्षिकी के अनुसार, 2017 में 87 फीसदी सजाएं 5 वर्ष से अधिक अवधि के कारावास की थी। 2016 के मुकाबले यह आंकड़ा 87 फीसदी से अधिक है। 2018 के बाद तो जेल के आंकड़े जारी करने पर चीन ने रोक लगा दी।