स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा - बच्चों को कोरोना हो जाए तो उनकी देखभाल घर पर ही करें; ऐसे रखे उनका ध्यान

कोरोना की दूसरी लहर ने बड़ी संख्या में बच्चों को भी संक्रमित किया है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना से संक्रमित ज्यादातर बच्चे बिना लक्षण वाले या बेहद कम हल्के लक्षण वाले होते हैं। ऐसे में इनकी देखभाल और इलाज घर पर ही किया जा सकता है। मंत्रालय ने बच्चों में कोरोना के लक्षण होने या कोरोना पॉजिटिव होने पर उनकी देखभाल के लिए गाइडलाइन जारी की है।

- स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल घर पर की जा सकती है। ऐसे बच्चों की पहचान तभी हो पाती है जब उनके परिवार में किसी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सभी की जांच की जाती है।

- बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित बच्चों में कुछ दिनों बाद गले में खराश, नाक बहना, सांस लेने में परेशानी के बिना खांसी हो सकती है। कुछ बच्चों का पेट भी खराब हो सकता है।

- ऐसे बच्चों को घर में आइसोलेट करके लक्षणों के आधार पर उनका इलाज किया जाता है। बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर बुखार आने पर पेरासिटामोल दिया जा सकता है।

- बिना लक्षण वाले बच्चों के ऑक्सीजन लेवल पर ऑक्सीमीटर से लगातार निगाह रखें। यदि ऑक्सीजन का स्तर 94% से कम होने लगे तो डॉक्टर की सलाह लें।

- इसके अलावा जन्म से दिल की बीमारी, लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी, किसी भी अंग के काम न करना और मोटापा जैसी बीमारियों से जो बच्चे ग्रसित है उनकी डॉक्टरी सलाह के बाद घर पर देखभाल की जा सकती है।