दवा दुकानदारों की एक शीर्ष संस्थान ने ऑनलाइन दवा बिक्री को नियमित करने के केंद्र के कदम के खिलाफ शुक्रवार यानि 28 सितंबर को एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने सरकार के फैसले का विरोध किया है और कहा कि ई-फार्मेसी से उनके धंधे पर खतरा उत्पन्न हो गया है और इससे दवाओं के दुरुपयोग का जोखिम पैदा हो सकता है।
एआईओसीडी के संगठन सचिव और रिटेल डिस्ट्रब्यूटर्स केमिस्ट्स एसेासिएशन के अध्यक्ष संदीप नांगिया ने कहा, ‘एआईओसीडी ने ज्ञापनों के माध्यम से प्रशासन और संबंधित विभागों से बार बार अपील की है। इस मुद्दे की गंभीरता ई-फार्मेसी और ऑनलाइन दवाओं की अवैध बिक्री के ढेरों मामलों से जगजाहिर है।’ उन्होंने कहा, ‘एआईओसीडी पहले ही दो भारत बंद कर चुका है। यदि अपील पर सरकार का सकारात्मक जवाब नहीं आता है तो हमारे पास राष्ट्रव्यापी बंद के अलावा अन्य विकल्प नहीं होगा। 28 सितंबर को देशभर में दवा की दुकानें बंद रहेंगी। ’’
दवा के दामों का विनियमन सरकार करती है। ऑनलाइन पोर्टल 70 फीसद तक छूट देते हैं जबकि थॉक विक्रेताओं की दुकानों पर दस फीसद छूट मिलती है। एआईओसीडी के सदस्यों का आरोप है कि ई-फार्मेसी से दवाओं के अतार्किक इस्तेमाल और नकली दवाओं की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ई-फार्मेसी द्वारा दवाओं की बिक्री पर मसविदा नियमावली लायी है जिसका लक्ष्य भारत में दवाओं की बिक्री का विनियमन करना तथा मरीजों को प्रामणिक ऑनलाइन पोर्टलों से असली दवाएं उपलब्ध कराना है।