चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने ISRO जा सकते हैं PM मोदी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यानी मंगलवार को भारत का महात्वकांक्षी चंद्रमिशन चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की पहली कक्षा में प्रवेश करा दिया है। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, योजना के अनुरूप मंगलवार सुबह 9:02 बजे लूनर ऑर्बिट इंसर्शन (एलओआई) सफलतापूर्व संपन्न हो गया। चंद्रयान-2 के सभी सिस्टम बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-2 को चांद की कक्षा में प्रवेश कराना वैज्ञानिकों के लिए कड़ी चुनौती थी। अब चंद्रयान-2, 118 किमी की एपोजी (चांद से कम दूरी) और 18078 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) वाली अंडाकार कक्षा में अगले 24 घंटे तक चक्कर लगाएगा। चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद 31 अगस्त तक चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान एक बार फिर कक्षा में बदलाव किया जाएगा। चंद्रयान-2 को चांद की सबसे करीबी कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार बार कक्षा बदली जाएगी, जिसके बाद यह चांद की अंतिम कक्षा में दक्षिणी ध्रुव पर करीब 100 किमी ऊपर से गुजरेगा। इसी दौरान यानी 2 सितंबर को यान का विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। विक्रम चार दिन तक 30 गुणा 100 किमी के दायरे में चांद का चक्कर लगाएगा। इसके बाद यह चांद के दक्षिणी ध्रुव में सतह पर 7 सितंबर को अपना कदम रखेगा। इस ऐतिहासिक पल के गवाह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनेंगे। बताया जा रहा है कि चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए पीएम मोदी ISRO जा सकते हैं।

इसरो ने कहा, 'चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया गया।' चंद्रयान-2 की गति में 90 फीसदी की कमी की गई थी ताकि वह चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर चांद से न टकरा जाए। 20 अगस्त यानी मंगलवार को चांद की कक्षा में चंद्रयान-2 का प्रवेश कराना इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन, हमारे वैज्ञानिकों ने इसे बेहद कुशलता और सटीकता के साथ पूरा किया। इससे पहले इसरो के चेयरमैन डॉ। के। सिवन ने बताया था कि चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति 65000 किमी तक रहता है। ऐसे में चंद्रयान-2 की गति को कम करना पड़ेगा। नहीं तो, चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर वह उससे टकरा भी सकता है।

बता दे, चंद्रयान-2 की सेहत और उसके मार्ग की निगरानी इसरो के तीन सेंटर्स कर रहे हैं। ये हैं- मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (MOX), इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) और इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN)। इसरो वैज्ञानिकों ने बताया है कि चंद्रयान-2 की सेहत अभी ठीक है।