नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण पर सत्तारूढ़ सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसने कांग्रेस सांसद पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने का आरोप लगाया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, विपक्ष के नेता का पद बहुत ज़िम्मेदाराना होता है। राहुल जी ने पहली बार ज़िम्मेदारी ली है, लेकिन आज उन्होंने गैर-ज़िम्मेदाराना बयान दिया। उन्होंने राहुल गांधी पर अग्निवीर योजना के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए अग्निवीर योजना को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने कहा, अग्निवीर एक इस्तेमाल करो और फेंक दो वाला श्रम है। एक जवान को पेंशन मिल रही है, जबकि दूसरे को नहीं। आप जवानों के बीच विभाजन पैदा कर रहे हैं।
अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि अग्निवीर योजना में 1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाता है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को कई बार उठाया है और झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश की है। संवैधानिक पदों को कमज़ोर करना कांग्रेस पार्टी की फितरत रही है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के पहले भाषण से लोकसभा में गरमागरम बहस छिड़ गई। 'हिंसक हिंदुओं' पर राहुल गांधी का हमला भाजपा को रास नहीं आया।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, आज राहुल गांधी ने पूरे हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी कहा है। उन्होंने हिंदू समाज का अपमान किया है। राहुल गांधी ने आज विपक्ष के नेता के पद की गरिमा को गिराया है। राहुल गांधी के इस बयान से पूरा देश दुखी है और इस बयान की जितनी निंदा की जाए कम है।
उन्होंने कहा, हिंदुओं को हिंसक कहना, हिंदुओं को झूठा कहना, संसदीय बहस के दौरान भगवान की तस्वीरें लगाना, उसमें राजनीति जोड़ना, इस स्तर की बहस विपक्ष के नेता को किसी भी तरह से शोभा नहीं देती है।