कंगना के 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर भड़के नवाब मलिक, बोले - एक्ट्रेस को गिरफ्तार करो, वापस लो पद्मश्री

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का देश की आजादी को लेकर दिया बयान विवादों में घिर गया है। कांग्रेस के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि कंगना रनौत की गिरफ्तार कर पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर वायरल हुई 24 सेकेंड की एक क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है, '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।'

नवाब मलिक ने कहा, 'पद्मश्री देने वाले लोगों ने इनको आगे किया है कि आजादी 2014 में मिली, 1947 में आजादी भीख में मिली थी। गांधीजी से लेकर कई स्वतंत्रता सेनानियों का ये अपमान है। कंगना ने जो बयान दिया हम उस बयान की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं। जिस तरह से ये कहा जा रहा है कि 1947 की आजादी भीख में मिली थी हमें लगता है स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान किया गया है। केंद्र सरकार को उन पर मामला दर्ज उनसे पद्मश्री वापस लेना चाहिए।'

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा था, 'कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है।'

उन्होंने यह भी कहा, 'प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या वह कंगना रनौत की राय का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।'

कंगना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि कंगना रनौत को अपने बयान के लिए सभी देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान हुआ है। भारत सरकार को ऐसी महिला से पद्मश्री सम्मान वापस लेना चाहिए जिसने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, पंडित नेहरू, सरदार भगत सिंह का अपमान किया है। ऐसे लोगों को पद्मश्री देने का मतलब है कि सरकार इस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रही है।'

क्या कहा कंगना ने?

कंगना रनौत एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंची हुई थीं। इस दौरान बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून नहीं बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।'