पेपर लीक मामला : आज हो सकता है परीक्षा की तारीख का एलान, अब तक 25 लोगों से हुई पूछताछ

सीबीएसई पेपर लीक मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम ने अब तक 25 लोगों से हुई पूछताछ के बाद 40 ऐसे संदिग्ध मोबाइल नंबर स्कैन किए हैं, जिन पर 12वीं औ 10वीं कक्षा के लीक पेपर भेजे गए थे। मामले की जांच में जुटी पुलिस अब इन नंबरों की जांच के आधार पर पेपर लीक नेटवर्क से जुड़े लोगों का पर्दाफाश करेगी। सूत्रों की मानें तो इन नंबरों में ही छात्रों, कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों, बिचौलियों इस नेटवर्क से जुड़े शिक्षा दलालों का राज छिपा है। इसकी पूरी गहनता के साथ क्राइम ब्रांच जांच कर रही है।

पेपर लीक मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने पंजाबी बाग, मिंयावली, नरेला, बदापुर समेत पश्चिमी दिल्ली के करीब दर्जनों इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की, जबकि पड़ोसी जनपदों में करीब 10 से ज्यादा इलाकों में छापेमारी कर पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में ले लिया है। बता दे, पेपर लीक होने की वजह से देशभर में 10वीं के मेथ्स और 12वीं के इकोनॉमिक्स पेपर को रद्द कर दिया गया था। अब ऐसी खबर है कि इन विषयों की परीक्षाओं का एलान शुक्रवार को सकता है। ऐसा कहा जा रहा है शनिवार और रविवार की छुट्टी होने की वजह से यह फैसला लिया जा सकता है।

विशेष पुलिस आयुक्त आरपी उपाध्याय ने कहा कि हम पेपर लीक की ट्रेल को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। सीबीएसई ने अपनी शिकायत में राजेंद्र नगर के कोचिंग संचालक विक्की का नाम लिया है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है।

सीबीएसई अध्यक्ष से नाखुश मंत्रालय

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सीबीएसई अध्यक्ष अनिता करवार समेत अन्य अधिकारियों के साथ बृहस्पतिवार को एक घंटे बैठक में परीक्षा पत्र तैयार होने और उन्हें सेंटर तक पहुंचने की रिपोर्ट ली।

हालांकि मंत्रालय सीबीएसई अध्यक्ष के कामकाज से नाखुश है, क्योंकि बोर्ड ने स्वयं 5 को मार्च को छात्रों को अलर्ट करते हुए फर्जी वेबसाइटों से बचने की सलाह दी थी। इसके अलावा वाट्सऐप पर पेपर लीक का फुटेज आने के बाद सेंटरों में परीक्षा पत्र की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने दावा - अधिकारियों ने पेपर लीक किए, अब सारी परीक्षा दोबारा हो

- जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने दावा किया कि सीबीएसई का सिर्फ मैथ्स और इकोनॉमिक्स नहीं, बल्कि सभी पेपर लीक हुए थे। इसके पीछे सीबीएसई अधिकारियों का हाथ होने का भी दावा किया गया।

- 12वीं के राहुल ने कहा, "परीक्षा से पहले सभी पेपर उपलब्ध थे। कुछ दोस्तों ने दो-दो हजार रु. में खरीदने का ऑफर दिया था। परीक्षा में बिल्कुल वही पेपर आया, जो ग्रुप्स में सर्कुलेट हो रहा था। ऐसे में पूरी परीक्षा ही दोबारा लेनी चाहिए।"

- सेंट थॉमस स्कूल की 10वीं की छात्रा भाविका यादव ने कहा, "परीक्षा से पहले अगर किसी ने पेपर लीक कर दिया तो सजा हम क्यों भुगतें?"

- छात्रों ने कहा कि पूरे मामले के लिए सीबीएसई ही जिम्मेदार है। विरोध कर रहे छात्रों ने ‘हमारी जिंदगी से खिलवाड़ बंद करो’ और ‘छात्रों को नहीं, बल्कि सिस्टम को रिटेस्ट करने की जरूरत है’ लिखी तख्तियां थाम रखी थीं।