CBSE ने 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं की रद्द

सीबीएसई बोर्ड एग्जाम (CBSE Board Exam) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में यह जानकारी दी। अब स्टूडेंट्स का असेसमेंट उनकी पिछली 3 एग्जाम के आधार पर होगा। उनके पास बाद में परीक्षा देने का विकल्प होगा। दरअसल, 12वीं की एग्जाम 1 से 15 जुलाई के बीच होनी थी। देशभर में इसके 12 सब्जेक्ट के पेपर बचे हैं। वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इन 12 के अलावा 11 और मेन सब्जेक्ट के पेपर बाकी हैं। 18 मार्च को ये परीक्षाएं टाल दी गई थीं। वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ही सीबीएसई 10वीं के 6 पेपर होना बाकी हैं। इस तरह 10वीं और 12वीं के 10 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को कुल 29 सब्जेक्ट की एग्जाम देनी है। अगर कोरोना नहीं होता तो ये परीक्षाएं देशभर में 3 हजार सेंटरों पर हो जाती, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से सीबीएसई को बचे हुए पेपर कराने के लिए 15 हजार सेंटरों की जरूरत होगी।

अब ये विकल्प

- जिन विषयों की परीक्षाएं होनी थी, उनमें छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर औसत अंक देकर प्रमोट किया जा सकता है।

- इसके अलावा संबंधित विषयों में अंक सुधार के लिए बाद में परीक्षा देने का विकल्प भी छात्रों को मिल सकता है।

जुलाई में नतीजे आने की उम्मीद बढ़ी

ऐसे में जबकि सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) ने दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाएं रद्द करने का फैसला कर ही लिया है तो स्टूडेंट्स के बीच जल्द ही नतीजे आने की उम्मीद भी परवान चढ़ने लगी है। दरअसल, सीबीएसई बोर्ड ने लॉकडाउन से पूर्व हो चुके पेपर की कॉपियों के मूल्यांकन का काम पहले ही शुरू कर दिया था। अब जबकि बची परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं तो माना जा रहा है कि बोर्ड जुलाई के अंत तक परिणाम की घोषणा कर देगा। बता दें कि पिछले साल 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट 2 मई को घोषित कर दिया गया था, जबकि दसवीं की परीक्षा के नतीजे 6 मई को आए थे।

बता दे, 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले बच्चों के पैरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। इसमें मांग की गई कि बोर्ड को एग्जाम्स रद्द कर देना चाहिए। इसमें यह दलील दी गई कि सीबीएसई विदेशों में मौजूद 250 स्कूलों की परीक्षाएं रद्द कराने का फैसला पहले ही ले चुका है। पिटीशन में यह भी उदाहरण दिया गया कि कर्नाटक में परीक्षाओं के दौरान एक बच्चे के पिता कोरोना पॉजिटिव पाए गए और 24 स्टूडेंट्स को क्वारैंटाइन होना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट में दायर पिटीशन के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा सरकार ने पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय को चिट्‌ठी लिखकर कहा था कि परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए।