नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज (7 जून) कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के कविता के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया।
29 मई (बुधवार) को अदालत ने मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में कविता और सह-आरोपी चनप्रीत सिंह के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया। सोमवार को कविता को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद न्यायाधीश ने उनकी हिरासत अवधि 3 जुलाई (बुधवार) तक बढ़ा दी।
इस बीच, न्यायाधीश ने तीन सह-आरोपियों- प्रिंस, दामोदर और अरविंद सिंह को जमानत दे दी, जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन आरोप पत्र में उनका नाम दर्ज था। इससे पहले, न्यायाधीश ने ईडी द्वारा दाखिल छठे पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था, जिसमें कहा गया था कि आरोपियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री है।
जांच एजेंसी ने 10 मई को छठा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें मामले में आरोपियों के खिलाफ आगे के सबूतों और आरोपों का ब्यौरा दिया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि अभियोजन पक्ष की शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 और 44 (1) के तहत दायर की गई थी, और यह 220 से अधिक पृष्ठों की है।
इस मामले में अब तक कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कई आप नेता, कविता और अन्य शामिल हैं। कविता इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत (जेसी) में हैं। वह ईडी द्वारा दर्ज किए गए संबंधित धन शोधन मामले में भी जेसी में हैं।
यह घोटाला दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। ईडी ने कविता (46) को 15 मार्च को हैदराबाद में
बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।