पूरे देश में होगी जाति जनगणना, CCPA की बैठक में मोदी सरकार का बड़ा फैसला

मोदी कैबिनेट ने बुधवार को हुई CCPA बैठक में जाति जनगणना को मंजूरी देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत जाति जनगणना मूल जनगणना में ही की जाएगी, और इसका रिकॉर्ड जनगणना के हिस्से के रूप में रखा जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है, और जबकि प्रस्ताव के बावजूद केवल सर्वेक्षण कराया था। कांग्रेस ने इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग किया। वैष्णव ने यह भी कहा कि कई राज्यों ने जातिगत जनगणना की है, जिससे भ्रांति फैल गई है, जबकि जाति गणना को मूल जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह फैसला संविधान में सामाजिक ताने-बाने की स्पष्ट व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना के मुद्दे पर विचार करने का आह्वान किया था, और इसके बाद एक मंत्रिमंडल समूह का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की थी।

कांग्रेस का सर्वे: केवल राजनीतिक हथियार

अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वे किए हैं, लेकिन अन्य राज्यों में यह कार्य पारदर्शी तरीके से नहीं किया गया और राजनीतिक दृष्टिकोण से ही सर्वे किए गए। इस प्रकार के सर्वे समाज में संदेह पैदा करते हैं। इसके मद्देनजर, जाति गणना को जनगणना में शामिल करना आवश्यक था, ताकि सामाजिक ताने-बाने को नुकसान न पहुंचे।

गन्ना किसानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की समिति ने 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यह मूल्य बेंचमार्क के रूप में लिया गया है, और इससे गन्ना किसानों को 1 लाख 11 हजार 701 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

इसके अतिरिक्त, 10.25% की रिकवरी दर पर इस मूल्य को स्वीकृत किया गया है, और अगर रिकवरी दर में वृद्धि होती है, तो प्रत्येक 0.1% की वृद्धि के लिए 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम प्रदान किया जाएगा। यदि रिकवरी दर में कमी आती है, तो एफआरपी में 3.46 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी।