कैश क्रंचः एटीएम से कैश गायब होने का हुआ खुलासा, सरकार ने कहा संकट से घबराएं नहीं

देश के कई हिस्सों में एक बार फिर नकदी के कमी की समस्या गहरा गई है। मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में यह संकट गंभीर हो गया है जिसके चलतें एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात हो गए है। हालांकि इस पर सरकार हरकत में आई। सरकार ने भरोसा दिया है कि नकदी की कमी नहीं है। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि 500 के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाई जाएगी। इससे नकदी संकट जल्द ही खत्म हो जाएगा। लेकिन लोगों में कैश की कमी की वजह जानने की उत्सुकता है।

सरकार का कहना है कि नोटों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि से समस्या आई है। हालांकि अबतक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। कुछ राज्यों में नकदी की किल्लत के मामले में सरकार का कहना है कि बैंकों में पहले की तुलना 2000 रुपये के नोट कम आ रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि पिछले तीन महीने से देश के कुछ राज्यों में असामान्य रूप से नकदी की मांग बढ़ गई है।

संकट से घबराएं नहीं


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने स्थिति की समीक्षा की है। पर्याप्त से अधिक नकदी उपलब्ध है। उन्होंने कहा, कुछ इलाकों में अचानक व असामान्य वृद्धि की वजह से पैदा हुई अस्थायी कमी से जल्द निपटने की कोशिश की जा रही है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नकदी संकट पर सरकार को घेरा। अमेठी दौरे पर गए राहुल ने कहा कि मोदी जी ने हमें कतार में खड़े होने के लिए मजबूर किया, क्योंकि उन्होंने हमारी जेब से 500 और 1000 रुपये के नोट लेकर नीरव मोदी की जेब में डाल दिए। उन्होंने माना कि बिहार, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में नकदी संकट हुआ है। गर्ग ने कहा कि भविष्य में नोटों की कमी की आशंका के बीच लोगों द्वारा पैसे निकालना इस संकट की बड़ी वजह है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि नकदी संकट से घबराएं नहीं। अफवाहों पर ध्यान न दें। एक सवाल पर गर्ग ने कहा कि वर्तमान नकदी संकट का नोटबंदी से कोई लेना-देना नहीं है।

दो हजार के पर्याप्त नोट : 2000 के नोटों की कालाबाजारी पर गर्ग ने कहा कि वर्तमान में 6.70 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार में हैं। यह लोगों की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त हैं।

2000 के नोट नहीं आ रहे हैं वापस

एसबीआई के डेप्युटी एमडी नीरज व्यास ने कहा कि 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'एटीएम में हम 2000 रुपये के जितने भी नोट डालते हैं, वे निकल जाते हैं, लेकिन फिर काउंटर पर नहीं लौटते। लिहाजा 2000 रुपये का स्टॉक कम होने के साथ एटीएम में कैसेट खाली चल रहे हैं। इसकी कपैसिटी करीब 50 लाख रुपये की होती है, जो अब ब्लॉक हो गई है।' एटीएम में चार कैसेटों में करीब 65 लाख रुपये भरे जा सकते हैं। एक कैसेट में 2000 रुपये के नोट, दो में 500 रुपये और एक में 100 रुपये के नोट भरे जाते हैं। बैंकरों का दावा है कि 2000 रुपये के नोटों की तंगी के कारण एटीएम की 45 पर्सेंट कपैसिटी का उपयोग ही नहीं हो पा रहा है।

नकदी संकट के कारण

सामान्य से तीन गुना ज्यादा निकासी

गर्ग ने कहा कि पिछले 15 दिनों में सामान्य से तीन गुना ज्यादा पैसों की निकासी हुई है, इसीलिए नोट कम पड़ गए हैं। सामान्यत: हर माह 20 हजार करोड़ की मांग होती है, लेकिन पिछले 15 दिनों में बैंकों-एटीएम से 45 हजार करोड़ निकाले गए हैं।

-फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल पास होने का डर
- बिल में केवल एक लाख छोड़कर पूरा पैसा लेने का प्रावधान
- बैंकों में लगातार बढ़ रहे एनपीए की वजह से ग्राहकों में घबराहट
- ग्राहकों के पैसों से बैंकों की सेहत सुधारने का बिल में प्रावधान
- 200 के नोट को लेकर 70 फीसदी एटीएम कैलीब्रेट नहीं
- एक साल से 2000 के नोटों का छपना करीब-करीब बंद
- मार्केट में मौजूद दो हजार के नोटों का कालाधन के रूप में संग्रह

सरकार उठाएगी ये कदम


सरकार का कहना है कि प्रतिदिन 500 के नोट के 500 करोड़ रुपयों की छपाई हो रही है। उत्पादन पांच गुना बढ़ा दिया गया है। अगले दो दिनों में 500 के नोट के 2500 करोड़ रुपये बाजार में होंगे। अगले एक महीने में करीब 70 से 75 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे।

मौजूदा हालात में 18 लाख करोड़ चलन में

नोटबंदी के समय 17.50 लाख करोड़ के नोट चलन में थे, वर्तमान में 18 लाख करोड़ हैं।