नई दिल्ली। दिल्ली कोचिंग में हुई मौतों के मामले में ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को दिल्ली पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया और एफआईआर दर्ज कर ली। इससे पहले आज राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिल्डिंग के सह-मालिकों की जमानत याचिका पर सुनवाई की, जहां सीबीआई की ओर से वकील ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
दूसरी ओर, भवन के सह-मालिकों के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2 अगस्त को मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था। उन्होंने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल सिर्फ भवन के मालिक हैं और जब तक सीबीआई जांच शुरू नहीं करती, तब तक उन्हें अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 9 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और इस पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट दाखिल होने के बाद जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2 अगस्त को ओल्ड राजिंदर नगर में तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। न्यायालय ने इस निर्णय के पीछे घटनाओं की गंभीरता और सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार की संभावित संलिप्तता को कारण बताया।
अदालत ने इस घटना के लिए पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को भी फटकार लगाई और कहा कि वह यह नहीं समझ पा रही है कि छात्र बाहर क्यों नहीं आ पाए। उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की कि यह निष्कर्ष निकालना गलत नहीं होगा कि दिल्ली की नागरिक एजेंसियों के पास प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवश्यक धन की कमी है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय और भौतिक बुनियादी ढांचे पर फिर से विचार करने के लिए जीएनसीटीडी के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है,
जिसके सदस्यों में डीडीए के उपाध्यक्ष, एमसीडी के अध्यक्ष और पुलिस आयुक्त शामिल होंगे। समिति को आठ सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।