अमित शाह की 'रथ यात्रा' को कलकत्ता हाईकोर्ट से नहीं मिली हरी झंडी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में अमित शाह (Amit Shah) की रथ यात्रा निकालने के लिए भाजपा (BJP) को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। तब तक भाजपा को किसी भी तरह की रथ यात्रा निकालने से रोक दिया है। भाजपा का 7 दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम है। इसके बाद 9 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूमि जिले में तारापीठ मंदिर से भाजपा का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम है। उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती देगी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि भाजपा की प्रस्तावित रथ यात्रा से बंगाल के जिलों में साम्प्रदायिक तनाव फैल सकता है। वहीं, भाजपा ने जस्टिस तपव्रत चक्रवर्ती की बेंच से कहा कि हम शांतिपूर्ण यात्राएं निकालेंगे। हाईकोर्ट ने इस पर पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? इस पर भाजपा की तरफ से पेश वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी शांतिपूर्ण यात्रा निकालेगी लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

भाजपा की 'लोकतंत्र बचाओ रैली'

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह का राज्य में पार्टी की 'लोकतंत्र बचाओ रैली' आयोजित करने का कार्यक्रम है जिसमें तीन 'रथ यात्राएं' शामिल हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि इस यात्रा से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। दत्ता ने कहा कि जिला में सांप्रदायिक मुद्दों का एक इतिहास रहा है और वहां से ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा अनुमति देने से इंकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि भाजपा के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोग कूचबिहार आएंगे। पत्र में जोर दिया गया है कि इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। जमीनी स्थिति को देखते हुये अनुमति देने से इंकार करने को एक प्रशासनिक निर्णय बताते हुये एजी ने कहा कि इसके संवेदनशील प्रकृति के कारण आंशका का ब्यौरा खुले अदालत में नहीं बताया जा सकता। एजी ने कहा था कि अगर निर्देश दिया जाता है तो वह एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को यह सौंप सकते हैं।

भाजपा ने न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की पीठ को बताया कि वह शांतिपूर्ण यात्रा करेगी। भाजपा अपनी तीन रैलियों के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की मांग को लेकर अदालत पहुंची थी। इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में भाजपा के वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित करेगी, लेकिन कानून और व्यवस्था को बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। मित्रा ने कहा कि संविधान राजनीति कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि अप्रिय स्थिति की धारणा के आधार पर इंकार नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वह इसे स्थगित करने के लिये तैयार हैं। इस पर भाजपा के वकील ने नाकारात्मक जवाब दिया और कहा कि इसकी तैयारी लंबे समय से जारी है और अनुमति के लिए अक्टूबर में ही प्रशासन से संपर्क किया था।

उन्होंने कहा कि लंबे समय तक आवेदन रखने के बाद उन्होंने अब अनुमति देने से इंकार कर दिया है। अनुमति से इंकार का विरोध करने वाले भाजपा के पूरक हलफनामे का भी महाधिवक्ता ने विरोध किया और कहा कि या तो एक नई याचिका दायर की जा सकती है या इसी याचिका में संशोधन किया जा सकता है।