CAA Protest: नागरिकता कानून पर यूपी भी सुलगा, लखनऊ, प्रयागराज, गाजियाबाद और बरेली समेत इन 8 जिलों में इंटरनेट बंद, धारा-144 लागू

नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा-144 लगा दी गई है। गुरुवार को कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए। नागरिकता कानून के विरोध में समाजवादी पार्टी और कई अन्य संगठनों ने प्रदर्शन किया। संवेदनशील इलाकों में आरएएफ, पीएसी, क्विक रिस्पांस टीम तैनात की गई। हुसैनाबाद में युवक के पेट में गोली लगी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने की एक बड़ी वजह फेक न्यूज और भड़काऊ खबरें मानी जा रही हैं। सोशल मीडिया साइट्स पर नागरिकता कानून को लेकर गलत-गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिसकी जद में आकर लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे है। अफवाहों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशसान सतर्क है, इसलिए ही संवेदनशील जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया जा रहा है, जिससे लोगों तक भड़काऊ सामग्री और खबरें न पहुंच सकें। उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बरेली, प्रयागराज और संभल जिलों में इंटरनेट सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं। गुरुवार देर रात यूपी में कानून व्यवस्था के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य से सभी डीएम और एसएसपी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। सीएम योगी ने लखनऊ में हुई हिंसा पर भी प्रशासन से सवाल किया, साथ ही शुक्रवार की रणनीतियों पर चर्चा भी की।

- लखनऊ में हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट बंद

लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं कुछ इलाकों में बंद कर दी गई हैं। लखनऊ में मदेयगंज, खदरा और ठाकुरगंज में हिंसक प्रदर्शन हुआ। खदरा में प्रदर्शनकारियों ने छतों और गलियों से निकलकर पुलिस पर पथराव किया और वाहनों को आग लगा दी। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन ने प्रदर्शन को देखते सभी 22 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। स्टेशनों व अमौसी एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मदेयगंज में भीड़ की ओर से भी फायरिंग हुई। पुलिस ने जवाब में हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे। मदेयगंज पुलिस चौकी के बाहर खड़ी तीन बाइकों को भी उपद्रवियों ने फूंक दिया साथ ही मीडिया की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ की हिंसा को दबाने के दौरान पुलिस कार्रवाई में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। पुलिस अभी यह नहीं पुष्टि कर रही है कि मौत फायरिंग की वजह से हुई है या नहीं। मारे गए शख्स का नाम मोहम्मद वकील है।

- प्रयागराज में 1000 से ज्यादा लोग हिरासत में, इंटरनेट बैन

प्रयागराज में भी नागरिकता संसोधन एक्ट को लेकर गुरुवार को जमकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस द्वारा 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 30 लोग नामजद किए गए जबकि 1000 से ज्यादा अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। प्रयागराज में भड़की हिंसा के बाद शुक्रवार सुबह 10 बजे तक के लिए इंटरनेट पर बैन लगाया गया है।

- मेरठ में 24 घंटे के लिए इंटरनेट पर रोक

मेरठ में किसी भी तरह की अब तक हिंसक झड़प की खबरें सामने आई हैं। लेकिन इसके बावजूद एहतिहातन के तौर पर इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं। पूरे जिले में अगले 24 घंटे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है।

- गाजियाबाद में 24 घंटे तक इंटरनेट पर प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद करने का आदेश दिया है। गाजियाबाद में गुरुवार रात 10 बजे से शुक्रवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

- अलीगढ़ में भी इंटरनेट पर रोक

अलीगढ़ में हालात बेहद संवेनदशील हैं जिसको देखते हुए यहां पर इंटरनेट सेवाओं पर 20 दिसंबर की रात 12 बजे तक रोक लगा दी गई है इसके साथ-साथं लोकल केबल नेटवर्क को भी बंद कर दिया गया है।

- बरेली में इंटनेट पर प्रतिबंध

नागरिकता कानून के खिलाफ बरेली में भी विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसके बाद यहां पर भी इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई है। यहां पर 21 दिसंबर रात 11 बजे तक इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है।

- मुजफ्फरनगर में इंटरनेट पर रोक

मुजफ्फरनगर में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कई मामले सामने आए है। हालाकि, कोई हिंसक वारदात नहीं हुई है लेकिन फिर भी अफवाह न फैले जिसके चलते प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है।

- संभल में हिंसक प्रदर्शन, इंटरनेट बैन

संभल में पुलिस ने कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ देशद्रोह और दंगे के मामले दर्ज किए गए हैं। 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इंटरनेट सेवाएं तब तक के लिए रोक दी गई हैं, जब तक स्थानीय प्रशासन इसकी इजाजत न दे। पुलिस का दावा है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दंगा फैलाने की कोशिश की है। गुरुवार को 2 बसों में आग लगा दी गई, 2 प्राइवेट कारों को भी क्षति पहुंचाई गई है। पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया है। जिले में धारा 144 लगाई गई है। 2 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश में राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठन सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को कई जगह प्रदर्शन के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। राजधानी लखनऊ के खदरा इलाके में पुलिस और लोगों के बीच में जमकर झड़प हुई जो बाद में पथराव में बदल गया।

जब्त होंगी हिंसा में शामिल दोषियों की संपत्तियां

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल व हिंसा पर कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन हिंसा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वह भ्रम फैलाने का काम कर रहा है। योगी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इस कानून से किसी भी जाति या मजहब के लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन फिर भी हिंसा फैलाई जा रही है। योगी ने कहा कि जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किया है। उनकी संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।