जयपुर : शादियों में 100 लोगों के शामिल होने की सीमा पर सरकार से व्यापारी नाराज, चुनावी सभाओं पर उठाए सवाल

बढ़ते कोरोना को देखते हुए राज्य सरकार सख्ती बरत रही हैं और इसी के तहत फिर से शादियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 100 कर दी गई हैं जिसका व्यापरी कड़ा विरोध कर रहे हैं और उन्होंने चुनावी सभाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वे सुरक्षित हैं। व्यापारियों का कहना है क्या कोरोना का संक्रमण शादी विवाह में ही फैलता है? सरकार ने क्या सोचकर 100 लोगों की पाबंदी की है? क्या चुनावों में हजारों की भीड़ में संक्रमण नहीं फैलता। इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक खुद शामिल होते हैं।

ऑल वेडिंग इंडस्ट्रीज फेडरेशन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल ने कहा कि सरकार को 100 लोगों की पाबंदी लगाने से पहले वेडिंग इंडस्ट्री के व्यापारियों से बात करके फैसला लेना चाहिए| ऐसे फैसले लेने से वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारियों की आजीविका खत्म हो जाएगी| सरकार को पुनर्विचार कर दो सौ लोगों की ही अनुमति रखनी चाहिए।

ऑल वेडिंग इंडस्ट्रीज फेडरेशन राजस्थान के महामंत्री भवानी शंकर माली ने कहा कि सरकार को 100 लोगों की पाबंदी लगाने से पहले व्यापारियों की आजीविका के बारे में भी सोचना चाहिए। यह पाबंदी वेडिंग इंडस्ट्रीज़ से जुड़े व्यापारियों को जहर देने से कम नहीं है। सरकार को पुनर्विचार कर शादी विवाह में 200 लोगों की अनुमति ही रखनी चाहिए।

जयपुर विवाह स्थल समिति के महामंत्री आलोक शर्मा ने कहा कि 100 मेहमानों की सीमा गलत है। 200 लोगों तक ही रखना चाहिए था। 31 मार्च को लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लाखों रुपए टैक्स दिया है। 100 की पाबंदी करनी है तो टैक्स वापस लौटाएं।