बुलंदशहर हिंसा : घटना के कुछ घंटों के बाद गोरखपुर में लाइट एंड साउंड शो का आनंद ले रहे थे CM योगी

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) हिंसा मामले में अब तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। जो 4 लोग पुलिस की गिरफ्त में हैं उनके बारे में पुलिस का कहना है कि वह किस संगठन से इसके बारे में पता नहीं है। हालांकि गांव के पूर्व सरपंच का कहना है कि हम सभी पशुओं को दफनाने के लिए मान गए थे लेकिन अचानक बजरंग दल वालों ने पथराव शुरू कर दिया और इसके बाद हिंसा शुरू हो गई। हिंसक हुई भीड़ ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) और और एक आम नागरिक की जान ले ली वही इतना सब होने के बावजूद सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस घटना के कुछ घंटों के बाद गोरखपुर में लाइट एंड साउंड शो का आनंद ले रहे थे। एक तरफ, बुलंदशहर में अफरातफरी का माहौल था तो दूसरी तरफ सीएम राजस्थान में चुनाव प्रचार के बाद सीधे शो में शामिल होने के लिए गोरखपुर पहुंचे। उस वक़्त उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे।

बुलंदशहर (Bulandshahr) में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा और इंस्पेक्टर की मौत का मामला उछलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मुआवजे की घोषणा की। शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है। उन्होंने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रूपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रूपये की सहायता की घोषणा की। उसके बाद वे गोरखपुर में आयोजित एक कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे। गौरतलब है कि बुलंदशहर में हुई हिंसा के बाद यूपी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है।

संजय सिंह ने माँगा इस्तीफा

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुलंदशहर में सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देते हुये कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली के लिये जिम्मेदार राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से इस्तीफा दे देना चाहिये। सिंह ने ट्वीट कर कहा 'योगी के राज में उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। क़ानून का राज, जंगलराज में तब्दील हो चुका है। योगी से प्रदेश नहीं संभल रहा, उनको अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिये।'

भाजपा सरकार जिम्मेदार: बसपा सुप्रीमो मायावती

भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हर तरह की अराजकता को संरक्षण देने का परिणाम है कि अब क़ानून के रखवाले भी बलि चढ़ रहे हैं। यह अति-दुःख और चिन्ता की बात है। बुलन्दशहर में सोमवार को हुई हिंसक घटना में एक पुलिस अधिकारी और एक युवक की मौत पर गहरा दुःख तथा संवेदना व्यक्त करते हुये मायावती ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि भाजपा और उसकी सरकारों को उसके ही द्वारा उत्पन्न किये गये भीड़तंत्र के हिंसक एवं अराजक राज को खत्म करने के लिये देश और प्रदेशों में कानून का राज स्थापित करने का पूरी ईमानदारी से प्रयास करना चाहिये ताकि देश के संविधान व लोकतंत्र को भीड़तंत्र की बलि चढ़ने से रोका जा सके।

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा पर कांग्रेस ने प्रदेश के मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश को 'अराजक तत्वों' को सौंपने के बाद वह अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि यह हिंसा कानून और व्यवस्था की सबसे बदतर विफलता है और उन्हें देशभर में चुनाव प्रचार के लिए ‘घूमने' से पहले अपने घर को व्यवस्थित करना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में इस प्रकृति की विफलता कानून एवं व्यवस्था और शासन की सबसे बदतर नाकामी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए लखनऊ में एक बैठक भी बुलाई। इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बुलंदशहर (Bulandshahr) की घटना पर कहा कि "वहां पर जो कुछ हुआ है वह एक ऐसा संकेत है जिस पर पूरी राज्य सरकार को और हमारे वहां के मुख्यमंत्री योगी जी को विचार करना पड़ेगा। एक जमावड़ा हुआ वहां, बहुत बड़े तब्लीगी इज्तिमा के नाम से। वह जमावड़ा इतना रहस्यमय रखा गया कि वहां मीडिया को इजाजत नहीं दी गई। छह-सात किलोमीटर के दायरे में टेंट बनाकर 10-15 लाख लोग वहां पर रहे। उसी समय वहां पर एक घटना हुई है। आसपास के गांव में कहीं पर जहां लोगों को गाय के अंग मिले, तो यह तो बहुत गंभीर चिंता का विषय है। मैं चाहती हूं राज्य ठीक से इसको डील करे, इससे ज्यादा मैं इसके डिटेल में नहीं जाऊंगी।'' आपको बता दें कि बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर उत्पात और पुलिस इंस्पेक्टर की हमले में मौत के मामले में एक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है। गोकशी को लेकर दर्ज़ की गई FIR में कुल सात लोगों के नाम हैं, जिनमें दो नाम हैं साजिद और अनस के। जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इन दोनों में से साजिद 11 साल का है और अनस 12 साल का। यह FIR हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की शिकायत पर दर्ज़ की गई थी।