बुलंदशहर / छेड़खानी ने ली छात्रा की जान, चायवाले की होनहार बेटी थी सुदीक्षा, चाचा ने सुनाई हादसे की पूरी कहानी

यूपी के बुलंदशहर में मनचलों की वजह से एक बेहद होनहार छात्रा को अपनी जान गंवानी पड़ी। ग्रेटर नोएडा की सुदीक्षा भाटी ने अपनी मेहनत के बलबूते पर अमेरिका में पढ़ाई करने की कामयाबी हासिल की थी। गरीब परिवार की ये बेटी अमेरिका में पढ़ रही थी और छुट्टियों मे घर आई थी। चाचा और भाई के साथ बाइक पर वो अपने मामा के घर जा रही थी। मनचलों की वजह से हुए दर्दनाक हादसे में इस होनहार छात्रा की मौके पर मौत हो गई। पिता चाय बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। होनहार बेटी को खोने के गम से पूरा परिवार टूट गया है। पिता जितेंद्र भाटी चाय का ढाबा चलाते हैं। उन्होंने कहा कि आज फिर एक तारा टूट गया। मुझे पुलिस से कोई इंसाफ नहीं चाहिए। इंसाफ मेरी बेटी को चाहिए। उसका कोई दोष नहीं था। वह तो अमेरिका जाने से पहले अपने मामा और ननिहाल वालों से मिलना चाहती थी। उसने बुलंदशहर से ही अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की थी।

चाचा ने बताई पूरी बात

घटना के बारे में सुदीक्षा के चाचा ने कहा, हम बच्चे को स्कूटी से लेने जा रहे थे। चौराहा पार करते ही बुलंदशहर गांव पड़ता है, वहां एक बुलेट थी जिसने कई बार हमें ओवरटेक किया। हमने अपनी स्कूटी धीमी कर ली। फिर वह बुलेट वाला स्टंट मारने लगा। उसने आगे जाकर एकदम से हमारे आगे ब्रेक मार दी। हमारी स्कूटी की उसमें सीधी टक्कर लगी और मैं गिर गया। मेरी भतीजी सिर के बल पीछे गिरी। मैं बुलेट वाले को पहचान नहीं पाया। बुलेट पर जाट लिखा हुआ था। घटना के बाद वह चला गया। सुदीक्षा के भाई ने कहा, 'हमारी स्पीड 30 की रही होगी। हमने एकदम से ब्रेक मारी। सामने बुलेट थी जिस पर जाट लिखा था। यूपी-13 की बाइक थी। इमरजेंसी में नंबर नहीं नोट कर पाया। दीदी पीछे गिर गई और मैं आगे गिरा लेकिन मुझे चोट नहीं आई। सुदीक्षा के घर पर एक अन्य व्यक्ति ने कहा, पुलिस आधे घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची। इसे छुपाने की पूरी कोशिश हो रही है। पुलिस को क्या पता कि गाड़ी चाचा चला रहे थे या भाई चला रहा था।'

2011 में सुदीक्षा की जिंदगी में आया था बदलाव

पिता बताते हैं कि सुदीक्षा का सिलेक्शन 2011 में विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ था। वहीं से उसकी जिंदगी में बदलाव आया। 2018 की सीबीएसई परीक्षा में 98% अंक हासिल कर बुलंदशहर जिले में टॉप किया था।

20 अगस्त को उसे अमेरिका लौटना था

अगस्त 2018 में वह अमेरिका गई थी। वह अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स कर रही थी। उसे एचसीएल की तरफ से पिछले साल 3।80 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी। सुदीक्षा जून में भारत लौटी थी और उसे 20 अगस्त को अमेरिका लौटना था।