उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के शक के बाद भड़की हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार ने आज गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इंस्पेक्टर की पत्नी, दो बेटे और उनकी बहन लखनऊ में मुख्यमंत्री निवास पर उनसे मुलाकात करने आई थीं। वहीं प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह के साथ प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग भी पहुंचे हैं। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी पहुंची। दरहसल, सीएम ने सुरक्षा समीक्षा बैठक में इंस्पेक्टर की हत्या पर एक भी शब्द नहीं बोला था और उनका पूरा फोकस गोकशी पर था। इसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी। जिसके बाद सीएम योगी ने उनके परिवार से मुलाकात की। इंस्पेक्टर के परिवार ने आरोप लगाया था कि जो भी उनकी हत्या में शामिल था, उनके प्रति प्रशासन का नरम रुख है।
मुलाकात के बाद इंस्पेक्टर के बेटे ने बताया, 'मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि उन्हें सही न्याय मिलेगा। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि वह हमारे परिवार के साथ हैं।' पीड़ित परिवार की सीएम योगी के साथ मुलाकात के बाद यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की उस दौरान उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को 50 लाख की मदद दी जाएगी। इसके अलावा एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है। वहीं प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध के बच्चों का एजुकेशन लोन सरकार चुकाएगी। इसके अलावा एटा में गांव की ओर जाने वाली जेठारी-कुरौली रोड का नाम बदलकर 'श्री सुबोध सिंह शहीद मार्ग' कर दिया गया है।
बता दें परिजनों ने इंस्पेक्टर की हत्या में साजिश का आरोप लगाया है। सुबोध की मौत के बाद उनकी बहन ने आरोप लगाया था कि चूंकि दादरी के अखलाक मामले की जांच सुबोध कर रहे थे, लिहाजा उनकी साजिशन हत्या हुई है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद परिवार मामले की जांच को लेकर भी मांग कर सकता है। इसके अलावा सुबोध कुमार की बहन ने अपने भाई के नाम पर शहीद स्मारक बनाए जाने की भी मांग की है।