बुलंदशहर हिंसा : भीड़ ने इंस्पेक्टर के सिर में मारी गोली, शव को लाठी से पीटते रहे : पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हिंसक हुई भीड़ ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) और और एक आम नागरिक की जान ले ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत उनके बाईं आंख के पास गोली लगने से हुई। साथ ही उनके शरीर पर घुटने, कमर, कंधे और पीठ पर डंडों की मार के निशान पाए गए हैं। इससे पहले एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने कहा था कि डॉक्टरों के मुताबिक सिर में किसी ब्लंट ऑब्जेक्ट से चोट लगने से मौत की आशंका है। देर रात आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की पुष्टि हुई। यह गोली 32mm की थी। इतना ही नहीं बवाल के बाद आए कुछ वीडियो में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भीड़ को समझा रहे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की टारगेट करके हत्या की गई। वीडियो में दिख रहा है कि उपद्रवी सुबोध कुमार का वीडियो बना रहे हैं और गोली लगने की बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उपद्रवी सुबोध कुमार की सर्विस पिस्टल और तीन मोबाइल भी लूटकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी पथराव किया। पुलिस को बचाव में गोलियां भी चलानी पड़ीं। इस बीच भीड़ ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के सिर पर गोली मार दी।

जांच के लिए दो एसआईटी गठित : प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि इस घटना की जांच के लिए दो एसआईटी गठित की गई हैं। अब तक 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

घरवालों को मुहावजा: बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को योगी सरकार मुआवजे के तौर पर 40 लाख रुपये देगी। 10 लाख रुपये उनके माता-पिता को भी दिया जाएगा। सीएम योगी ने एक परिजन को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है।

घटना में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली गोकशी की और दूसरी हिंसा की। पुलिस ने अब इस मामले में छापेमारी शुरू कर दी है, रातभर पुलिस ने महाव और चिंगरावठी गांव में छापेमारी की। पुलिस ने स्याना क्षेत्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया है, दोनों से पूछताछ की जा रही है। जबकि 4 लोगों की हिरासत में लिया गया है। पुलिस चश्मदीदों और सामने आई वीडियो-तस्वीरों के आधार पर छापेमारी कर रही है।

400-500 लोगों की भीड़ आई : महाव और चिंगरावठी, दोनों ही गांव घटनास्थल के नजदीक के गांव हैं। कहा जा रहा है कि जो 400-500 लोगों की भीड़ आई थी वह इन्हीं गांवों से आई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा एडीजी इंटेलिजेंस और मजिस्ट्रियल जांच भी होगी। सुबोध कुमार की मौत के मामले में एडीजी इंटेलिजेंस को 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

धारा 144 लागू : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जिले में शांतिपूर्ण तनाव को देखते हुए धारा 144 लागू है। शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को मंगलवार सुबह 10 बजे पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी जाएगी। इसके बाद उनके पर्थिव शरीर को पैतृिक घर एटा जिले के तरगवां गांव ले जाया जाएगा।

बताया जा रहा है कि सुबोध कुमार ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक हत्याकांड की जांच में शामिल थे। वे 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक इस मामले में जांच अधिकारी रहे थे। हिंसा भड़कने के पीछे उन्होंने बताया कि महान गांव के पूर्व प्रधान ने खेत में गोवंश के कथित अवशेष मिलने की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंच कर कार्रवाई कर रही थी कि हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने अवशेषों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर पुलिस चौकी ले गए और हाईवे जाम कर दिया।