अयोध्‍या विवाद: इस सियासी बवाल में कूदी RSS कहा, श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो और वह भी शीघ्र

अयोध्या केस पर Ayodhya Ram Mandir सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन महीने के लिए टल गई है। चीफ जस्टिस ने साफ कर दिया है कि इस मामले पर जल्द कोई सुनवाई नहीं होगी। सोमवार को टली इस सुनवाई और अयोध्‍या मामले पर कई नेताओं ने अलग-अलग बयान दिए हैं वही इस सियासी बवाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी कूद पड़ा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के इस फैसले के बाद संघ का भी बयान आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो और वह भी शीघ्र। यह बयान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने दिया है।

पूर्व में वहां मंदिर ही था

- बयान में अरुण कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त स्थान रामलाल का जन्म स्थान है। तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहां कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया। पूर्व में वहां मंदिर ही था।

- अरुण कुमार ने कहा कि संघ का मत है कि जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर शीघ्र बनना चाहिए और जन्म स्थान पर मन्दिर निर्माण के लिए भूमि मिलनी चाहिए। मन्दिर बनने से देश में सद्भावना और एकात्मता का वातावरण निर्माण का होगा।

- इस दृष्टि से सर्वोच्च न्यायालय शीघ्र निर्णय करे और अगर कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर कर श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे।

- बतौर अरुण कुमार, जब से यह आंदोलन प्रारंभ हुआ है पूज्य संतों और धर्म संसद के नेतृत्व में आन्दोलन चल रहा है और उसका हमनें समर्थन किया है, आगे भी वे जो निर्णय करेंगे उसमें हम उनका समर्थन करेंगे। इसके पहले सोमवार को कोर्ट में चीफ रंजन गोगोई जस्टिस की पीठ में दोनों पक्षकारों ने दलील थी कि नंवबर में सुनवाई शुरू हो जाए लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले को जनवरी के लिए पहले हफ्ते के लिए टाला जाता है। तभी यह तय होगा कि कौन सी पीठ मामले की सुनवाई करेगी और सुनवाई की तारीख क्या होगी। कोर्ट ने कहा कि पीठ जनवरी में तय करेगी कि सुनवाई जनवरी में हो कि फरवरी या मार्च में। जल्द सुनवाई की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी अपनी प्राथमिकता है, यह उचित पीठ तय करेगा कि सुनवाई कब से हो।

हिंदू पक्षकार संत धर्मानंद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सही नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'चुनाव को देख डेट नहीं बढ़नी चाहिए। यह प्रॉपर्टी का मामला है। अब हमें इंतजार ही करना होगा। हमें आंदोलन नहीं करना है। हम चाहते थे कि इस मामले में जल्द निर्णय हो। यह हिंदू-मुसलमान का केस नहीं है। कानून बनाने की बात करने वाले जनता को भ्रम में डालते हैं।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद भी बोले

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बहुत लोग चाहते हैं कि अयोध्‍या मामले पर तुरंत सुनवाई हो। हम राम मंदिर को चुनाव से जोड़कर नहीं देखते।

असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को दी चुनौती

अगर केंद्र सरकार अयोध्‍या मामले पर अध्‍यादेश लाती है तो फटकार पड़ेगी। सरकार मंदिर निर्माण के लिए अध्‍यादेश लाकर दिखाए। उन्‍होंने कहा कि अयोध्‍या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना पड़ेगा। फैसले का विरोध करना ठीक नहीं है। देश मर्जी से नहीं बल्कि संविधान से चलता है।

गद्दारी कर रहे हैं मुस्लिम : हरिओम पांडेय

बीजेपी सांसद ने फैसला लिया है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। पांडेय ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज के लोग मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से जमीन नहीं दे रहे हैं तो वह देश से गद्दारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में ही भगवान राम का जन्म हुआ था। इतिहासकार भी इसका प्रमाण दे चुके हैं। ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग न जाने किस हद से इस जमीन पर अपना दावा पेश कर रहे हैं।

सुनवाई टलना दुखद : केशव प्रसाद मौर्य

यूपी के उप मुख्‍यमंत्री और बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने भी राम मंदिर पर सुनवाई टलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है और अयोध्या मामले पर सुनवाई टलने को एक बुरा संदेश बताया है। उन्‍होंने कहा कि सुनवाई की तारीखें अगर तय हो जाती तो अच्‍छा रहता।

बीजेपी उछालती है मुद्दा : चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा 'यह एक जानी पहचानी कहानी है। हर पांच साल में चुनावों के पहले बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को उछालती है। अयोध्‍या मामले पर कांग्रेस का रुख यही है कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। हम सभी को इंतजार करना चाहिए।