49 साल पहले देश की पहली महिला वित्त मंत्री ने पेश किया था बजट, जाने क्या थी खास बातें...

5 जुलाई 2019 यानी शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करेंगी। 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना देख रही मोदी सरकार को 8 फीसदी की वृद्धि दर बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है। बजट में रोजगार सृजन सरकार का मुख्य एजेंडा रहने वाला है। हाल ही में एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी का आंकड़ा 45 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि विकास की धीमी रफ्तार की वजह नई नौकरियों का न हो पाना भी है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि रोजगार सृजन के लिए सरकार को बड़े पैमाने पर निवेश करना पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के जरिए देश को क्या सौगात देने वाली हैं यह तो हमें थोड़ी देर में मालूम चल जायेगा लेकिन ठीक 49 साल पहले 28 फरवरी 1970 में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने केंद्रीय बजट पेश किया था। बता दे, देश को 49 साल बाद कोई महिला वित्त मंत्री मिली है। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार 49 साल पहले इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने जो बजट पेश किया था उसमें दो पार्ट थे। पहले पार्ट में 17 और दूसरे पार्ट में 38 बिंदु थे। आइए जानते हैं 15 पेज के बजट में इंदिरा गांधी ने अपने देश को क्या-क्या दिया था?

केंद्र सरकार की योजनाओं के खर्च को बढ़ाया

बजट में इंदिरा गांधी ने केंद्र सरकार की योजनाओं के खर्च में 15% की बढ़ोतरी की थी। 1969-70 में 1223 करोड़ रु. के खर्च की तुलना में 1970-71 में 1411 करोड़ रु. आवंटित किए गए थे। कृषि से जुड़ी योजनाओं पर 39 करोड़ का बजट बढ़ाया गया था।

आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रु. कर दी थी

आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी गई थी। जिसके बाद देश को 3587 करोड़ मिलने वाला राजस्व अब बढ़कर 3867 करोड़ रुपए हो गया था

बजट में निवेश की सीमा और दायरा बढ़ाने की घोषणा

इंदिरा गांधी ने अपने बजट में निवेश की सीमा और उसका दायरा बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा था कि बजट से पहले यूनिट ट्रस्ट से 1 हजार रु। तक की आय के अलावा छोटी बचत योजनाओं, पोस्ट ऑफिस बचत खाते में जमा पर ब्याज और भारतीय कंपनियों में शेयरों के लाभांश पर 1 हजार रुपए तक की छूट को बढ़ाकर 3 हजार रु. तक कर दी गई। इसके दायरे में केंद्र व राज्य सरकार की सिक्योरिटीज, रूरल डिबेंचर्स, बैंकिंग कंपनियों में डिपॉजिट्स और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट एकाउंट्स समेत कुछ अन्य फाइनेंसियल एसेट्स में भी निवेश को लाया गया।

सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाकर 3 से 22% कर दिया था

इंदिरा ने बजट भाषण में कहा था कि मुझे माफ कीजिएगा लेकिन इस बार सिगरेट पीने वालों के जेब पर भार डालने वाली हूं। इसके बाद उन्होंने कहा कि सिगरेट पर ड्यूटी 3 से बढ़ाकर 22 फीसदी किया जा रहा है। इससे 10 सिगरेट वाले पैकेट की कीमत 1 से 2 पैसे तक बढ़ जाएगी। मुझे अनुमान है कि इस बढ़ोतरी से सरकार को अतिरिक्त 13.50 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।

गिफ्ट टैक्स की सीमा को घटाकर कर दिया आधा

डायरेक्‍ट टैक्‍स में इंदिरा गांधी ने गिफ्ट टैक्‍स के लिए संपत्ति की कीमत की अधिकतम सीमा 10,000 रुपए को घटाकर 5,000 रुपए कर दिया था। यानी, 5,000 रुपए से अधिक संपत्ति को गिफ्ट करने पर उसे टैक्‍स के दायरे में लाया गया था।

EPF में सरकार के योगदान की घोषणा

इंदिरा गांधी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि अब कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी के 8 फीसदी और संस्था की भागीदारी के अलावा सरकार भी अपना हिस्सा देगी। ईपीएफ में पे कांट्रिब्यूशन को सरकारी मदद दी जाएगी। कर्मचारी की मौत के बाद फैमिली पेंशन के रूप में यह राशि एकमुश्त परिवार को दी जाएगी।

केंद्रीय योजनाओं के बजट में बढ़ोतरी


इंदिरा गांधी ने अपने बजट में केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं के लिए बजट में बढ़ोतरी की घोषणा की। परिवहन और संचार के लिए 84 करोड़, ऊर्जा के 31 करोड़, परिवार नियोजन और सामाजिक कार्यों के लिए 28 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा था। बजट में उन्होंने चौथे पंचवर्षीय योजना के पहले साल 1969-70 में उन्होंने 5 से 5.50% की ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था।

अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के गठन की घोषणा

इंदिरा गांधी ने बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान कर शहरी विकास परिषद (अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के गठन की घोषणा की। अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का काम था कि यह शहरों में मौजूद झुग्गी-बस्ती की समस्या को दूर करेगी। आवास और शहरी जमीन के विकास के लिए बाजार से फंड जुटाएगी। आवास की कमी को पूरा करने के लिए तेजी से निर्माण कार्य करेगी।

केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन राशि में 40 रु. प्रतिमाह की बढ़ोतरी

इंदिरा गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन की राशि को 40 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। यह बढ़ोतरी उनके लिए भी थी जो पहले ही रिटायर हो चुके थे। यह सुविधा औद्योगिक कर्मचारियों के लिए भी लागू थी।

घरों की कीमत सीमा से अधिक होने पर वेल्थ टैक्स लगेगा

इंदिरा गांधी ने गांव से लेकर शहरों तक के घरों की कीमत को एक सीमा से अधिक रखने पर वेल्थ टैक्स के दायरे में लाने की घोषणा की। इस बजट से पहले 10 हजार से छोटी जनसंख्या वाले इलाकों के घरों पर वेल्थ टैक्स नहीं लगता था। जबकि, शहरों में 1 लाख रुपए तक के घरों को इस टैक्स से बाहर रखा गया था। बजट के बाद गांवों में भी 1 लाख रुपए से अधिक कीमत वाले घरों को वेल्थ टैक्स के दायरे में ले आया गया था।

बता दे, बजट से एक दिन पहले गुरुवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वे पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2019-20 के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर थी। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, वित्तवर्ष 2019 के दौरान सामान्य वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी रहने का अनुमान, जबकि वित्तवर्ष 2018 के दौरान 6.4 फीसदी था। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, देश में पर्याप्त रूप से विदेशी मुद्रा भंडार है और आगे भी इसमें कमी नहीं आएगी। 14 जून तक देश में कुल 42220 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद था। बता दे, आर्थिक सर्वे में देश के विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है। इसे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार आर्थिक सर्वे करके तैयार करते हैं। य‍ह वित्‍त मंत्रालय का बहुत ही महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज होता है। खासकर इसमें सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी होती है। इसके जरिये सरकार ये बताने की कोशिश करती है कि उसने आम लोगों के हित में जो योजनाएं शुरू की हैं। उसका प्रदर्शन कैसा है और अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य में कितनी बेहतर संभावनाएं हैं।