केंद्र सरकार के चौथे और आखिरी पूर्ण बजट पर पूरे देश की निगाहें आज लगी रहेंगी। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हो रहे इस पहले आम बजट से आम जनता की ढेरों उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। चाहे किसान हो या फिर सैलरी क्लास, कामकाजी महिला हो अथवा गृहणी, युवा वर्ग हो या फिर सीनियर सिटीजंस, स्टार्टअप हो या फिर बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां, रियल इस्टेट सेक्टर से लेकर हर किसी के मन में बजट को लेकर के उत्सुक्ता रहेगी।
वही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है और बुनियादी संरचनात्मक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल को कम से कम करने पर है। किसानों की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल सरकार का ध्यान खेती को मजबूत करने पर रहेगा। साथ ही वित्त मंत्री ने गरीबों-मध्यवर्ग को होम लोन में राहत देने और किसानों को लागत से 50 फीसदी ज्यादा मूल्य देने की घोषणा की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की खास बातें...- हमने पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है
- हमने बुनियादी संरचनात्मक सुधार किए हैं
- नोटबंदी ने काले पैसे में कमी
- दूसरे दौर में 7.5 फीसदी विकास दर की उम्मीद
- 6.3 फीसदी की विकास दर बदलाव का इशारा
- जल्द ही हम पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे
- हमारी अर्थव्यवस्था सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे
- इस साल खेती को मजबूत करने पर ध्यान
- हमारे आने के बाद अर्थव्यवस्था बेहतर हुई
- रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल कम से कम करने की कोशिश
- उज्ज्वला और सौभाग्य से बिजली और गैस
- ट्रेन और विमान टिकट ऑनलाइन करने का प्रबंध
- गरीबों और मध्य वर्ग को होमलोन में राहत
- दो-तीन दिन में पासपोर्ट से समय की बचत
- नौकरियों में इंटरव्यू से समय की बचत
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा दौर, स्कूलों-अस्पतालों तक सड़कें
- खेती का बाज़ार मज़बूत करने पर 2000 करोड़ रुपये ख़र्च किए जाएंगे
- हम कारोबार की आसानी से आगे बढ़ेंगे, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेंगे
- हम खेती को उद्यम मानते हैं, 2020 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य
- किसानों को कम लागत में ज़्यादा उपज की मदद, कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर
- 275 मिलियन टन अनाज इस साल हुआ, किसानों को लागत का डेढ़ गुना मिले
- रबी फ़सलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से 1.5 गुऩा
- जीएसटी से अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सुगम हुई
- भारतीय अर्थव्यवस्था 2,500 अरब डॉलर की हुई. भारत इस समय दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह पांचवे स्थान पर हो जाएगी
- कृषि मंडी व्यवस्था में सुधार के लिए 2,000 करोड़ रुपये के कोष की व्यवस्था
- किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने की पुख्ता व्यवस्था होगी
- 2017-18 में निर्यात की वृद्धि दर 17 प्रतिशत रहेगी
- देश का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर, वर्ष 2016-17 में 27.50 करोड़ टन अनाज और 30 करोड़ टन फलों का उत्पादन हुआ
- कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर
- तीन हजार से अधिक जन औषधि केंद्रों में 800 से ज्यादा दवाइयां मुफ्त
- गरीब मध्यम वर्ग को आवास ऋण पर ब्याज दरों में राहत दी गई है
- गरीब व मध्यम वर्ग के जीवन को सुगम बनाने पर जोर