मेरठ : रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले एक और गिरोह का भंडाफोड़, पकडे गए तीन शातिर

कोरोना के इलाज में रेमडेसिविर का महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा हैं जिसकी कालाबाजारी करते हुए कई गिरोह पकडे जा चुके हैं। ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में सुभारती मेडिकल कॉलेज में हुआ हैं जिसमें पुलिस ने 3 शातिरों को गिरफ्तार किया हैं। एसएसपी अजय साहनी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी से जुड़ा एक इनपुट पुलिस के हाथ लगा था, इस पर काम करते हुए तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं।

नौचंदी और सर्विलांस टीम ने आरटीओ पुल के पास तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये लोग 45 हजार रुपये में इंजेक्शन की डील कर रहे थे। तीनों मेडिकल क्षेत्र से जुड़े बताए जा रहे हैं। इनके पास से तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए हैं। मुख्य आरोपी फरार है। वह क्षेत्र के एक अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर इंचार्ज बताया जा रहा है। बता दें कि पकड़े गए आरोपियों में अदनान पुत्र जहीरूद्दीन, आफताब पुत्र इसरार निवासी के। ब्लॉक लोहिया नगर थाना खरखौदा और हाशिम पुत्र सिराजुद्दीन निवासी मोमिन नगर फतेल्लापुर रोड थाना लिसाड़ी गेट हैं। सीओ के मुताबिक, मुख्य आरोपी ताजिम पुत्र तनवीर निवासी मोहल्ला बनियापाड़ा थाना कोतवाली है। वह शुभकामना अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर इंचार्ज बताया गया है। ताजिम मुख्य आरोपी है और अभी फरार है।

सीओ सिविल लाइन देवेश सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि नौचंदी क्षेत्र में एक अस्पताल के कुछ कर्मचारी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त हैं। जल्द ही वे कुछ इंजेक्शन का सौदा करने वाले हैं। नौचंदी पुलिस और सर्विलांस टीम को जांच में लगाया गया। टीम को भनक लगी कि मंगलवार को आरटीओ पुल के पास डील होनी है। इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा के नेतृत्व में टीम पहुंची और तीन लोगों को पकड़ा गया। मौके पर ही उनके पास से तीन इंजेक्शन मिले।